इसरो ने भारतीयों छात्रों द्वारा बनाए गए 'कलामसैट' उपग्रह का किया सफलतापूर्वक प्रक्षेपण

इसरो ने दावा किया है कि कलामसैट दुनिया का सबसे हल्का उपग्रह है. इसरो ने इस उपग्रह को रात 11:37 बजे लांच किया. यह साल 2019 में इसरो का पहला मिशन भी है.

इसरो ने दावा किया है कि कलामसैट दुनिया का सबसे हल्का उपग्रह है. इसरो ने इस उपग्रह को रात 11:37 बजे लांच किया. यह साल 2019 में इसरो का पहला मिशन भी है.

author-image
saketanand gyan
एडिट
New Update
इसरो ने भारतीयों छात्रों द्वारा बनाए गए 'कलामसैट' उपग्रह का किया सफलतापूर्वक प्रक्षेपण

PSLV-सी44 मिशन सफलतापूर्वक लॉन्च (फोटो : ANI)

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) ने भारतीय छात्रों द्वारा बनाए गए प्रायोगिक अंतरिक्ष उपकरण 'कलामसैट' का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया. धुव्रीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV-सी44) की 46वीं उड़ान से माइक्रोसैट-आर व कलामसैट को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सफलतापूर्वक लांच किया गया. इसरो ने दावा किया है कि कलामसैट दुनिया का सबसे हल्का उपग्रह है. इसरो ने इस उपग्रह को रात 11:37 बजे लांच किया. यह साल 2019 में इसरो का पहला मिशन भी है.

Advertisment

यह उपग्रह इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी (आईआईएसटी) और कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी द्वारा संयुक्त रूप से बनाया गया था. कलामसैट का नाम भारत के पूर्व राष्ट्रपति और वैज्ञानिक डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर दिया गया है.

भारतीय अंतरिक्ष विभाग के अंतर्गत आने वाली स्वायत्त संस्था आईआईएसटी को साल 2007 में विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया था. एक तरफ जहां इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) लगातार भारतीय विश्वविद्यालयों और शिक्षा संस्थानों द्वारा बनाए जा रहे उपग्रह को कक्षा में स्थापित कर रहा था, वहीं दूसरी तरफ आईआईएसटी द्वारा एक भी उपग्रह न बनाए जाने से लोग हैरान थे.

कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के मुताबिक, छात्रों द्वारा डिजाइन और बनाया गया, यह उपग्रह एक नए तरह के स्पेस टेलिस्कोप के लिए टेस्ट बेड होगा और इसे (आरेस्ट) ऑटोनॉमस असेंबली ऑफ ए रिकंफिबरेबल स्पेस टेलिस्कोप के नाम से जाना जाएगा.

(IANS इनपुट्स के साथ)

Source : News Nation Bureau

isro Science इसरो Satellite sriharikota पीएसएलवी kalamsat PSLVC44 mission MicrosatR कलामसैट
Advertisment