प्रोटोकॉल तोड़ कर इजरायली पीएम नेतन्याहू को लेने जाएंगे पीएम मोदी, संबंध मज़बूत करने पर होगा ज़ोर

इजरायल का मानना है कि भारत के साथ उसका संबंध संयुक्त राष्ट्र में एक वोट से कहीं ज्यादा मजबूत है।

इजरायल का मानना है कि भारत के साथ उसका संबंध संयुक्त राष्ट्र में एक वोट से कहीं ज्यादा मजबूत है।

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Deepak Kumar
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प्रोटोकॉल तोड़ कर इजरायली पीएम नेतन्याहू को लेने जाएंगे पीएम मोदी, संबंध मज़बूत करने पर होगा ज़ोर

भारत यात्रा पर नेतन्याहू (आईएनएस)

भारत और इजरायल के बीच 25 वर्षो के कूटनीतिक संबंधों को नया आयाम देने के लिए इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन 'बीबी' नेतन्याहू रविवार को अपनी छह दिनों की यात्रा पर नई दिल्ली पहुंच रहे हैं।

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इजरायल का मानना है कि भारत के साथ उसका संबंध संयुक्त राष्ट्र में एक वोट से कहीं ज्यादा मजबूत है। 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री एरियल शेरॉन की यात्रा के बाद भारत का दौरा करने वाले वह इजरायल के पहले प्रधानमंत्री होंगे। 

नेतन्याहू का यह दौरा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जेरूसलम को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता देने के फैसले के विरोध में संयुक्त राष्ट्र महासभा में नई दिल्ली की ओर से वोट करने के एक महीने से भी कम समय के भीतर हो रहा है। 

हालांकि, भारत में इजरायल के राजदूत डेनियल कारमॉन ने मीडिया से बातचीत में इस विषय पर किसी भी तरह की अटकलबाजी पर विराम लगाते हुए कहा, 'मेरा मानना है कि संयुक्त राष्ट्र में एक वोट इधर-उधर होने से रिश्ता कहीं ज्यादा मजबूत है।'

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उन्होंने कहा, 'कभी भारत इजरायल से आग्रह करता है तो कभी इजरायल भारत से आग्रह करता है। हम हमेशा उन आग्रहों को पूरा नहीं कर पाते हैं। इसकी वजह है कि हम दो देश हैं और दोनों संयुक्त राष्ट्र के सदस्य हैं।'

विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पश्चिमी एशिया व उत्तर अफ्रीका) बी बाला भास्कर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि 15 जनवरी को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नेतन्याहू द्विपक्षीय वार्ता के लिए बैठेंगे तो 'कई मसलों पर बातचीत की जाएगी'।

नेतन्याहू के इस दौरे का इस अर्थ में भी विशेष महत्व है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इजरायल की यात्रा करने के करीब छह महीने बाद वह भारत आ रहे हैं। इजरायल का दौरा करने वाले मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं।

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भास्कर ने बताया कि दोतरफा सहयोग के दायरे को बढ़ाकर इसमें कई क्षेत्रों को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा, 'कृषि क्षेत्र से आरंभ करने के बाद अब हमारे सहयोग का दायरा बड़ा हो गया है, जिसमें प्रमुख रूप से प्रौद्योगिकी सहयोग, नवाचार, अनुसंधान व विकास, विज्ञान, अंतरिक्ष आदि शामिल हैं। इस तरह यह बहुत की गुणात्मक अनुबंध है, जिसे टेक्नोलोजिकल कोलैबोरेश एंड इनोवेशन का नाम दिया गया है।'

उन्होंने बताया कि दोनों देशों के बीच पांच अरब डॉलर का व्यापार बीते साल 2016-17 में हुआ था, जिसमें रक्षा सौदे शामिल नहीं हैं। 

इस बात की संभावना जताई जा रही है कि इजरायल से 8,000 स्पाइक (एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल) की खरीद पर दोबारा बातचीत हो सकती है। यह सौदा पिछले साल रद्द हो गया था।

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कारमोन ने कहा कि स्पाइक प्रोजेक्ट मेक-इन इंडिया प्रोग्राम में इजरायल को शामिल करने की एक मिसाल है। 

कारमोन ने कहा कि भारत और इजरायल के बीच मुक्त व्यापार समझौता भी बातचीत के उनके एजेंडे में शामिल है। 

नेतन्याहू के साथ मोशे हॉल्ट्जबर्ग भी भारत आएंगे, जिनके माता-पिता रबी गेवरिल और रीव्का हॉल्ड्जबर्ग 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले में मारे गए थे। मोशे उस समय सिर्फ दो साल के थे। 

नेतन्याहू भू-राजनीति व भू-अर्थशास्त्र पर भारत की ओर से आयोजित प्रमुख सम्मेलन 'रायसिना वार्ता' में भी शिरकत करेंगे। 

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Source : IANS

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