पीएम मोदी के वाशिंगटन दौरे से पहले मोहम्मद शफी अरमार को अमेरिका ने वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया है। अरमार पर आरोप है कि वह भारतीय युवाओं को आईएस के लिए भर्ती करता था। अमेरिका का यह फैसला भारत के लिए बड़ी उपलब्धि बाताया जा रहा है।
इस घोषणा के बाद उसके खिलाफ प्रतिबंध लगाने का रास्ता साफ हो गया है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसने मोहम्मद शफी अरमार, ओसामा अहमद अतार और मोहम्मद ईसा युसूफ साकर अल बिनाली को स्पेशली डेजिग्नेटिड ग्लोबल टेररिस्ट (एसडीजीटी) की सूची में डाल दिया है।
अरमार का नाम 2011 में पहली बार दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के रडार पर आया था। तब अरमार और उसका भाई सुल्तान इंडियन मुजाहिदीन का लड़ाका था और पाकिस्तान में रहता था।
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अरमार भारतीय युवाओं को ऑनलाइन ब्रेनवॉश करता था। इससे पहले साल 2011 में दरभंगा से गिरफ्तार संदिग्धों से अरमार के बारे में सूचना मिली थी।
अरमार इन दिनों भारती सुरक्षा एजेंसियों के लिए आतंकवाद का सबसे बड़ा चेहरा बन चुका है। वह कर्नाटक के उडुपी जिले के भटकल कस्बे का मूल निवासी बताया जाात है।
अमरार और उसका बड़ा भाई सुल्तान इंडियन मुजाहिदीन के सरगना भाइयों रियाज भटकल और इकबाल भटकल के साथ पाकिस्तान भाग गया था।
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HIGHLIGHTS
- अमेरिका ने शफी अरमार को घोषित किया ग्लोबल आतंकी
- कर्नाटक का रहने वाला है शफी, भारत में IS के लिए करता था भर्ती
Source : News Nation Bureau