New Update
/newsnation/media/post_attachments/images/2019/05/18/viral-photo-45.jpg)
वायरल तस्वीर
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
इस हिंसा में कोलकाता में समाज सुधारक ईश्वरचंद्र विद्यासागर की प्रतिमा भेंट चढ़ गई. इसके बाद अब यह सवाल तूल पकड़ रहा है कि ईश्वरचंद्र विद्यासागर की प्रतिमा किसने तोड़ा?
वायरल तस्वीर
पश्चिम बंगाल इस बार लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाला राज्य बन गया. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अमित शाह के बीच तनातनी और दूसरी वजह हिंसा जो तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच मची रही. इस हिंसा में कोलकाता में समाज सुधारक ईश्वरचंद्र विद्यासागर की प्रतिमा भेंट चढ़ गई. इसके बाद अब यह सवाल तूल पकड़ रहा है कि ईश्वरचंद्र विद्यासागर की प्रतिमा किसने तोड़ा?
ममता सरकार ने कई वीडियो शेयर कर यह बताया है कि मूर्ति तोड़ने में बीजेपी की भूमिका है. वहां सोशल मीडिया पर कुछ ऐसी तस्वीरें जारी कि जा रही है जिसमें मूर्ति तोड़ने का जिम्मेदार टीएमसी के लोगों को बताया जा रहा है.
और पढ़ें: कमल हासन एक बार फिर दिया विवादित बयान, कहा-विदेशी हमलावरों ने दिया 'हिंदू' शब्द
ऐसा ही एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है जिसमें सीसीटीवी फुटेज का हवाला दिया जा रहा है. फेसबुक पर ठाकुर साहब नाम के एक यूजर्स ने एक तस्वीर जारी करते हुए लिखा है, 'CCTV फुटेज में साफ दिख रहा है विद्यासागर जी की मूर्ति को टीएमसी के मुल्ले तोड़ रहे हैं'
फेसबुक यूजर्स ने एक फोटो शेयर किया है जिसमें कुछ लोग एक सफेद रंग की मूर्ति को तोड़ रहे हैं.
जब इसकी पड़ताल की गई तो पता चला कि यह फोटो कोलकाता की नहीं है. इस तस्वीर का संबंध विद्यासागर की मूर्ति से नहीं है. ये तस्वीरें इराक की हैं और तस्वीर में दिख रहे लोग ISIS के आतंकी हैं. सीएनएन ने 2015 में इसका वीडियो जारी किया था. जिसमें प्राचीन मूर्ति को आतंकवादी तोड़ रहे हैं.
इसे भी पढ़ें:वाइस एडमिरल बिमल वर्मा ने नए नौसेना प्रमुख की नियुक्ति को लेकर कोर्ट में दी चुनौती, जानें क्या है वजह
बता दें कि कोलकाता में अमित शाह के रोड शो के दौरान कथित तौर पर बीजेपी और टीएमसी के समर्थकों के बीच झड़प हुई थी जिसमें ईश्वरचंद्र विद्यासागर की मूर्ति तोड़ दी गई थी. कोलाकाता पुलिस ने इसकी जांच के लिए एसआईटी की गठन किया है. हालांकि अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि मूर्ति किसने तोड़ी?
Source : News Nation Bureau