बीजेपी की रणनीति से उसे ही मात देने की कोशिश कर रहे कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी

आम तौर पर राजनीति में 2014 से पहले तक बड़े नेताओं के खिलाफ कमजोर प्रत्‍याशी उतारे जाने की परंपरा रही है, लेकिन बीजेपी (BJP) ने 2014 में यह परंपरा खत्‍म कर दी और राहुल गांधी के खिलाफ अमेठी से स्‍मृति ईरानी को चुनाव में उतार दिया.

आम तौर पर राजनीति में 2014 से पहले तक बड़े नेताओं के खिलाफ कमजोर प्रत्‍याशी उतारे जाने की परंपरा रही है, लेकिन बीजेपी (BJP) ने 2014 में यह परंपरा खत्‍म कर दी और राहुल गांधी के खिलाफ अमेठी से स्‍मृति ईरानी को चुनाव में उतार दिया.

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Sunil Mishra
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बीजेपी की रणनीति से उसे ही मात देने की कोशिश कर रहे कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी

आम तौर पर राजनीति में 2014 से पहले तक बड़े नेताओं के खिलाफ कमजोर प्रत्‍याशी उतारे जाने की परंपरा रही है, लेकिन बीजेपी (BJP) ने 2014 में यह परंपरा खत्‍म कर दी और राहुल गांधी के खिलाफ अमेठी से स्‍मृति ईरानी को चुनाव में उतार दिया. ईरानी ने राहुल गांधी को कड़ी टक्‍कर भी दी, लेकिन गांधी परिवार के गढ़ को जीतने में नाकामयाब रहीं. इससे पहले बीजेपी ने सोनिया गांधी के खिलाफ बेल्‍लारी से वरिष्‍ठ नेता सुषमा स्‍वराज को उतारा था, तब सुषमा अपनी छाप छोड़ने में बुरी तरह असफल रही थीं. अब लगता है कांग्रेस (Congress) बीजेपी की रणनीति पर चल रही है. अब आगामी विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी के नेतृत्‍व में कांग्रेस में राजस्‍थान, मध्‍य प्रदेश  और छत्‍तीसगढ़  के मुख्‍यमंत्रियों के खिलाफ मजबूत प्रत्‍याशी उतारकर बीजेपी को करारा जवाब दिया है. 

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विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने मध्‍य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ बुधनी से पूर्व प्रदेशाध्‍यक्ष अरुण यादव को प्रत्‍याशी बनाया है. ऐन वक्‍त पर कांग्रेस के इस ऐलान से बीजेपी (BJP) भी भौंचक्‍की रह गई थी. हालांकि पार्टी ने आधिकारिक बयान में कहा, ‘यह अरुण यादव को बलि का बकरा बनाए जाने की साजिश है.’ इसी तरह छत्‍तीसगढ़ में Rajnandgaon सीट से चुनाव लड़ रहे बीजेपी के मुख्‍यमंत्री डा रमन सिंह के खिलाफ कांग्रेस ने अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी करणा शुक्‍ला को मैदान में उतारा. इससे भी बीजेपी (BJP) थोड़ा असहज हुई.

उसके बाद कांग्रेस ने राजस्‍थान में और भी बड़ा दांव खेलते हुए बीजेपी से ही कांग्रेस (Congress) में शामिल हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह को मुख्‍यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ चुनाव मैदान में उतार दिया. इसे राजस्‍थान में वसुंधरा राजे के खिलाफ कांग्रेस का मास्‍टर स्‍ट्रोक माना जा रहा है. हालांकि मानवेंद्र सिंह कांग्रेस के इस दांव से बहुत खुश नहीं हैं, फिर भी उनका कहना है कि पार्टी ने उन पर विश्‍वास किया है तो वह खरा उतरने की कोशिश करेंगे. उन्‍होंने यह भी कहा कि मुख्‍यमंत्री वसुंधरा राजे से उनके रिश्‍ते अच्‍छे रहे हैं.

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सोनिया गांधी के खिलाफ उतरी थीं सुषमा स्‍वराज
29 अक्टूबर, 1999 को कांग्रेस का अध्यक्ष पद संभालने के ठीक एक साल बाद सोनिया गांधी ने कर्नाटक के बेल्‍लारी से लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया था. उस समय सोनिया गांधी के विदेश मूल का मुद्दा तूल पकड़े हुए था. तब बीजेपी ने बड़ा दांव खेलते हुए धाकड़ नेता सुषमा स्‍वराज को बेल्लारी से खम ठोंकने के लिए उतार दिया था. हालांकि सुषमा वह मुकाबला बुरी तरह हार गई थीं. तब सुषमा स्‍वराज ने कहा था, मैं भले ही हार गई पर संघर्ष मेरे नाम रहा.

लालू प्रसाद यादव बनाम शरद यादव
सोनिया गांधी और सुषमा स्‍वराज के बाद बिहार में भी एक दिलचस्‍प मुकाबला देखने को मिला था, जब 2004 के लोकसभा चुनाव में मधेपुरा सीट से लालू प्रसाद यादव के मुकाबले NDA (राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) की ओर से शरद यादव मैदान में थे. तब लालू प्रसाद यादव ने शरद यादव को शिकस्‍त दी थी, लेकिन अगले लोकसभा चुनाव यानी 2009 में लालू प्रसाद यादव शरद यादव से हार गए थे. यह मुकाबला तब सुर्खियों में रहा था और पूरे देश भर की निगाहें मधेपुरा पर टिकी हुई थीं. उस सीट पर एक तरह से शरद यादव ने लालू प्रसाद यादव से अपना बदला चुकता कर लिया था.

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जब राहुल गांधी के मुकाबले उतरी थीं स्‍मृति ईरानी
2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने उस समय राजनीतिक पंडितों को अचंभित कर दिया था, जब राहुल गांधी के मुकाबले स्‍मृति ईरानी को उतारा गया था. चुनाव से पहले विश्‍लेषक मुकाबला रोचक बता रहे थे. कई एग्‍जिट पोल में तो स्‍मृति ईरानी की जीत के दावे किए गए थे, लेकिन राहुल गांधी ने चुनाव में बाजी मार ली थी, हालांकि कुछ राउंड में स्‍मृति ईरानी राहुल गांधी से आगे होती दिखी थीं. माना जा रहा है कि राहुल गांधी बेल्‍लारी और अमेठी का ही बदला बीजेपी से ले रहे हैं, तभी उन्‍होंने मध्‍य प्रदेश, राजस्‍थान और छत्‍तीसगढ़ में मुख्‍यमंत्रियों के खिलाफ अपने मजबूत प्रत्‍याशी उतारे हैं. विधानसभा चुनावों के लिए राहुल गांधी का यह मास्‍टर स्‍ट्रोक माना जा रहा है.

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Source : Sunil Mishra

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