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भारत में ईरान के राजदूत डॉ. अली चेगेनी( Photo Credit : ANI)
ईरान (Iran) ने बगदाद एयरपोर्ट (Baghdad Airport) पर अमेरिकी एयर स्ट्राइक (American Air Strike) में मारे गए अपने सैन्य जनरल कासिम सुलेमानी (Qassim Suleimani) की मौत का बदला ले लिया है. ईरान ने जमीन से जमीन पर मार करने वाली कुल 12 बैलिस्टिक मिसाइलों से अमेरिकी एयरबेस पर हमला किया है. इस बीच भारत में ईरान के राजदूत डॉ. अली चेगेनी ने कहा कि हमने जो भी किया है वह हमारी प्रतिक्रिया का हिस्सा है.
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भारत में स्थित ईरान के राजदूत डॉ. अली चेगेनी ने कहा कि हम युद्ध नहीं चाहते हैं. हम इस क्षेत्र में भारत समेत अपने भाइयों-बहनों के साथ शांतिपूर्ण जीवन व्यतीत कर रहे हैं. इस क्षेत्र में हम कोई टेंशन या तनाव नहीं चाहते हैं. उन्होंने आगे कहा कि भारत इस क्षेत्र का एक हिस्सा है. हम भारत की ओर से किए जाने वाले किसी भी पहल का स्वागत करते हैं.
Iranian Ambassador to India Dr. Ali Chegeni: India is a part of the region. It should be a part de-escalation. We are welcoming any initiative from our good friends from India. https://t.co/8E6ZsC3PYP
— ANI (@ANI) January 8, 2020
ईरानी राजदूत डॉ. अली चेगेनी ने आगे कहा कि हमने जो भी किया है वह हमारी प्रतिक्रिया का एक हिस्सा है. इसके लिए जनरल कासिम सोलेमानी के अंतिम संस्कार में भाग लेने वाले लाखों लोगों ने सरकार से मांग की थी. हमने अमेरिकी एयरबेस पर हमला कर दिया, लेकिन हम युद्ध नहीं चाहते हैं. उन्होंने कहा कि चाबहार पोर्ट भारत, ईरान, अफगानिस्तान, स्वतंत्र राज्यों के राष्ट्रमंडल, यूरोप, पूरे फारस की खाड़ी के बीच बहुत अच्छी दोस्ती का प्रतीक है. इसका संबंध केवल ईरान और भारत से नहीं है. चाबहार को लेकर चिंदा मत करो.
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ईरान ने अपने सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत का बदला लेने के लिए बुधवार को इराक स्थित अमेरिकी सैन्य बलों के ठिकानों पर हमले किए. ईरान की रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर ने एक बयान में कहा कि ‘ऑपरेशन मार्टिर सुलेमानी’ अमेरिकी हमलावरों के आपराधिक एवं आतंकी अभियान के जवाब और सुलेमानी की कायराना हत्या एवं दर्दनाक शहादत का बदला लेने के लिए था. इसमें कहा गया, ‘अमेरिकी आतंकी सेना के हमलावर हवाई प्रतिष्ठान पर जमीन से जमीन पर मार करने वाली दर्जनों मिसाइलें दागी गईं. एन अल असद, और यह ठिकाना नष्ट कर दिया गया.’
Iranian Ambassador to India Dr. Ali Chegeni: Chabahar Port is a symbol of very good friendship between India, Iran, Afghanistan, Commonwealth of Independent States, Europe, whole Persian Gulf. It does not belong only to Iran and India. Chabahar will go on, don't worry about it. https://t.co/JLtIC7sFyR
— ANI (@ANI) January 8, 2020
बयान में कहा गया, ‘इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कोर इस महान विजय के लिए इस्लाम के अनुयायियों को बधाई देती है और इस्लामी ईरान के महान तथा समर्पित लोगों को यह सूचित करती है. 1- हम बड़े शैतान, क्रूर और अहंकारी अमेरिकी शासन को चुनौती देते हैं कि किसी भी नए दुर्भावनापूर्ण कृत्य या हमलावर गतिविधि का अंजाम और भी अधिक दर्दनाक तथा विनाशकारी होगा. 2- हम अमेरिका की आतंकी सेना को आधार उपलब्ध कराने वाली उसकी मित्र सरकारों को चेतावनी देते हैं कि ऐसे किसी भी स्थल को निशाना बनाया जाएगा जिसका इस्तेमाल इस्लामी गणराज्य ईरान के खिलाफ किसी भी तरह की शत्रुतापूर्ण और हमलावर गतिविधि के लिए किया जाएगा. 3-हमें नहीं लगता कि यहूदी शासन इन अपराधों के लिए (जिम्मेदारी) किसी भी तरह अमेरिका से अलग है. 4-हम अमेरिकी लोगों को सलाह देते हैं कि वे और अधिक नुकसान तथा क्षेत्र में मौजूद अपने सैनिकों का जीवन बचाने के लिए अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाएं.
Source : News Nation Bureau