एसटीएफ ने कानपुर-प्रयागराज से आईपीएल सट्टेबाजों का गिरोह पकड़ा, 30 लाख समेत कीमती उपकरण बरामद

इस सिलसिले में एसटीएफ ने कुल आठ लोगों को गिरफ्तार किया है. रोचक बात यह कि पकड़े गए अभियुक्तों ने सट्टेबाजी को बतौर मुख्य पेशा अपना रखा था.

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Nihar Saxena
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एसटीएफ ने कानपुर-प्रयागराज से आईपीएल सट्टेबाजों का गिरोह पकड़ा, 30 लाख समेत कीमती उपकरण बरामद

कानपुर से पकड़े गए सट्टेबाज, नगदी और उपकरणों समेत

उत्तरप्रदेश एसटीएफ ने सट्टेबाजों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए कानपुर औऱ प्रयागराज से आईपीएल में सट्टा खिलाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया. दोनों शहरों से 30 लाख रुपए नगद समेत विदेशी मुद्रा और सट्टा लगाने में काम आने वाले लैपटॉप, मोबाइल और अन्य सामान जब्त किया है. इस सिलसिले में एसटीएफ ने कुल आठ लोगों को गिरफ्तार किया है. रोचक बात यह कि पकड़े गए अभियुक्तों ने सट्टेबाजी को बतौर मुख्य पेशा अपना रखा था. इससे होने वाली आय से मुख्य आरोपी ने लखनऊ, कानपुर समेत कई शहरों में करोड़ों रुपए के मकान खरीद रखे हैं. सट्टेबाजों के तार देश के कई राज्यों समेत दुबई से भी जुड़े हुए हैं.

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प्राप्त जानकारी के अनुसार ठोस सूचना पर यूपी एसटीएफ ने कई शहरों में एक साथ बड़ी कार्रवाई की. कानपुर से आईपीएल सट्टेबाजी गिरोह का सरगना जितेन्द्र उर्फ जीतू सहित आशीष, सुमित, मोहित व हिमांशु को गिरफ्तार किया, जबकि वाराणसी से अशोक सिंह, सुनील पाल व विक्की खान को गिरफ्तार किया है. इसके साथ ही एसटीएफ ने वाराणसी से 27.75 लाख रुपए और कानपुर से 2.75 लाख नगद बरामद किए. भारी नगदी के साथ कानपुर से पांच लैपटॉप, तीन स्मार्ट टीवी, राऊटर, वाईफाई, अडैप्टर, कनेक्टर, 30 मोबाइल और 375 दिरहम भी मिले हैं.

कानपुर से ही दो ऑनलाइन बेटिंग बॉक्स भी बरामद किए गए हैं. इन अत्याधुनिक बेटिंग बॉक्स से 10-10 बुकी एक साथ ऑनलाइन बेटिंग कर सकते हैं. इससे जुड़े माइक व स्पीकर से बातचीत भी रिकॉर्ड की जा सकती थी. अगर कोई विवाद हुआ तो सुलझाने में यही रिकॉर्डिंग काम आती थी. लैपटॉप पर ऑनलाइन एप ऑरेंज भी मिला है, जिससे मुख्य बुकी जीतू को भाव पता चलते थे. इसके बाद वह बेटिंग बॉक्स के माइक से ऑनलाइन फोन कर छोटे बुकी को सूचना देता था.

एसटीएफ की छापामार कार्रवाई के दौरान फरार अजय सिंह की फॉर्च्यूयनर और जीतू की मर्सिडीज कार भी बरामद हुई है. कानपुर में छापेमारी के दौरान मौके से फरार सट्टेबाज अजय सिंह वाराणसी के सुंदरपुर का रहने वाला है. उसी की सरपरस्ती में वाराणसी में सट्टेबाजी का बड़ा रैकेट चल रहा था. जीतू के मध्यम से बीस की संख्या मे बूकी ऑनलाइन बेटिंग करते थे.

पता चला है कि जीतू के तार रायपुर, अजमेर, जयपुर, मुंबई, दिल्ली और दुबई तक से जुड़े हैं. ये सभी आरोपी कानपुर, लखनऊ, फतेहपुर, वाराणसी, प्रयागराज आदि शहरों में जगह बदल-बदल कर कारोबार करते थे. रोचक बात यह है कि पकड़े गए एक भी अभियुकत के पास आय का कोई स्थायी साधन नहीं है. सिर्फ सट्टेबाजी से हुई कमाई के बल पर जीतू ने मुंबई, कानपुर, लखनऊ, फतेहपुर में करोड़ो रुपए के मकान खरीदे हैं. सट्टेबाजी के पैसों का लेनदेन हवाला के जरिए होता था.

Source : News Nation Bureau

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