सुप्रीम कोर्ट कार्ति चिंदबरम की याचिका पर बुधवार को भी सुनवाई जारी रखेगा
सुप्रीम कोर्ट सीबीआई की मांग पर सीलबंद कवर में दिए गए दस्तावेजों को देखने के लिए तैयार हो गया है कि क्या उनका केस से सम्बन्ध है या नहीं।
highlights
- कपिल सिब्बल ने कोर्ट से कहा कि सरकार के दबाव में कार्ति का विदेश में अकाउंट बन्द कर दिया गया था
- सुप्रीम कोर्ट सीबीआई की मांग पर सीलबंद कवर में दिए गए दस्तावेजों को देखने के लिए तैयार हो गया है
नई दिल्ली:
INX मीडिया केस में फंसे पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि वह न्याय से भागा हुआ नहीं है, वह विदेश में था और अब भारत लौट आया है।
कपिल सिब्बल ने कोर्ट से कहा कि सरकार के दबाव में उनका विदेश में अकाउंट बन्द कर दिया गया था। पिछले साल यूके में भी वो अपने खाते से पैसे निकालने गए थे और उसका विदेश में सिर्फ एक ही खाता और सम्पति है।
सुप्रीम कोर्ट सीबीआई की मांग पर सीलबंद कवर में दिए गए दस्तावेजों को देखने के लिए तैयार हो गया है कि क्या उनका केस से सम्बन्ध है या नहीं।
सीबीआई ने कोर्ट से कहा था कि सीलबंद दस्तावेजों के अध्ययन के बाद ही कोर्ट कार्ति चिदम्बरम की याचिका पर फैसला ले।
सीबीआई ने कहा कि इस बात की पूरी आशंका है कि कार्ति को विदेश जाने की इजाजत मिलने पर वो सबूतों से छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।
इससे पहले सीबीआई ने पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम पर विदेश यात्रा के दौरान सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया था।
सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कार्ति इस वर्ष मई, जून और जुलाई में विदेश दौरे पर गए थे। इस दौरान सबूत से छेड़छाड़ किया गया, इसलिए इनपर लुक आउट नोटिस बरकरार रहना जरूरी है।
और पढ़ें: कार्ती चिदंबरम पर बरकरार रहेगा लुक आउट नोटिस, CBI ने SC में सबूत से छेड़छाड़ करने का लगाया आरोप
कार्ति ने कहा था कि अपनी बेटी की कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में एडमिशन करवाने के लिए उसका विदेश जाना जरूरी है। इसलिए वे 19 अक्टूबर से 13 नवंबर तक के लिए यूके जाना चाहते हैं।
क्या है मामला
पूर्व वित्त मंत्री पी चिंदबरम के बेटे कार्ति चिंदबरम पर पीटर मुखर्जी और उनकी पत्नी इंद्राणी मुखर्जी के मुंबई के मीडिया समूह आइएनएक्स को नियमों को ताक पर रखकर विदेशी फंड मुहैया कराने का आरोप है।
दरअसल, कार्ती चिदंबरम पर 3.5 करोड़ रुपये एफआईपीबी मंजूरी के लिए लेने का आरोप है।
मामले की प्राथमिकी में पी चिदंबरम का नाम नहीं है, हालांकि यह कहा जाता है कि उन्होंने एफआईपीबी की 18 मई 2007 की बैठक में कंपनी में 4.62 करोड़ रुपये के विदेश प्रत्यक्ष निवेश के लिए एफआईपीबी मंजूरी दी थी।
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