मोदी सरकार के पास है इतना पैसा कि खर्च नहीं हो पा रहा, जानें क्या है पूरा मामला
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत पिछले साल फरवरी में हुई थी, लेकिन किसानों को योजना का लाभ एक दिसंबर, 2018 से ही मिल रहा है और योजना की किस्त पिछले साल मार्च से ही सीधे लाभार्थी किसानों के बैंक खाते में ट्रांसफर की जा रही है.
highlights
- बीते साल अंतरिम बजट में मोदी सरकार ने किसानों को बड़ी सौगात दी थी.
- पिछले अंतरिम बजट में मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना का ऐलान किया था.
- अब सरकार के पास इस योजना के तहत इतना पैसा बचा है कि खर्च ही नहीं हो पा रहा.
नई दिल्ली:
बीते साल अंतरिम बजट में मोदी सरकार ने किसानों को बड़ी सौगात दी थी. पिछले अंतरिम बजट में मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना का ऐलान किया था. लेकिन सरकार तमाम कोशिशों के बावजूद चालू वित्त वर्ष में इस योजना की पूरी राशि खर्च नहीं कर पाई है है. न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में 20 फीसदी बजट बचा रह जाएगा क्योंकि सरकार ने इसे खर्च ही नहीं किया है. दरअसल, सरकार का अनुमान था कि देश के करीब 14.5 करोड़ किसानों को इस योजना का लाभ मिलेगा, जबकि अब तक इस योजना के तहत करीब 9.5 करोड़ किसानों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है. वहीं योजना का लाभ तकरीबन 8.6 करोड़ किसानों को मिला है. हालांकि केंद्र सरकार द्वारा इस योजना के तहत किसानों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए किसान सम्मान निधि पोर्टल शुरू किए जाने के बाद रजिस्ट्रेशन की रफ्तार में तेजी आई है. पोर्टल पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 17 जनवरी, 2020 तक 9,46,06,054 किसानों का रजिस्ट्रेशन हुआ है.
न्यूज एजेंसी को योजना के कार्यान्वयन से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि वित्त वर्ष के आखिर तक तकरीबन 60,000 करोड़ रुपये तक की राशि खर्च हो सकती है. इस तरह 15,000 करोड़ रुपये यानी कुल बजट का तकरीबन 20 फीसदी राशि बिना खर्च किए बची रह सकती है. यहां बता दें कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के तहत केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2019-20 में आवंटित 75,000 करोड़ रुपये का बजट रखा है, जिसमें से अब तक 50,000 करोड़ रुपये भी खर्च नहीं हुए हैं.
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बंगाल ने भी नहीं लिया पैसा
पश्चिमी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अब तक पीएम-किसान योजना को अपने राज्य में स्वीकृति नहीं दी है, जिसके चलते पश्चिम बंगाल के तकरीबन 68 लाख किसान इस योजना के लाभ से वंचित हैं. योजना शुरू होने के बाद कुछ अन्य राज्यों की सरकारों ने भी इस योजना में दिलचस्पी नहीं दिखाई थी, जिससे शुरुआती दौर में उन राज्यों के अनेक किसानों को इस योजना के लाभ से वंचित रहना पड़ा.
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प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत पिछले साल फरवरी में हुई थी, लेकिन किसानों को योजना का लाभ एक दिसंबर, 2018 से ही मिल रहा है और योजना की किस्त पिछले साल मार्च से ही सीधे लाभार्थी किसानों के बैंक खाते में ट्रांसफर की जा रही है. वहीं योजना के लिए शतप्रतिशत फंड केंद्र सरकार देती है और इसके तहत लाभार्थी किसानों को सालाना 6,000 रुपये की राशि तीन समान किस्तों में दी जाती है. इस योजना के प्रत्येक लाभार्थी किसान को एक किस्त में 2,000 रुपये दी जाती है.
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