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इंटरनेट नागरिकों का मौलिक अधिकार, जब तक जरूरी न हो इसे बैन न करें : सुप्रीम कोर्ट

जम्‍मू-कश्‍मीर में लगीं पाबंदियों के खिलाफ दायर याचिकाओं पर फैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा, जब तक जरूरी न हो न तो इंटरनेट पर बैन लगाया जाना चाहिए और न ही धारा 144 लगाना चाहिए.

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Sunil Mishra
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इंटरनेट नागरिकों का मौलिक अधिकार, जब तक जरूरी न हो इसे बैन न करें : सुप्रीम कोर्ट

इंटरनेट नागरिकों का मौलिक अधिकार, जब तक जरूरी न हो इसे बैन न करें: SC( Photo Credit : File Photo)

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अनुच्‍छेद 370 (Article 370) हटाने के दौरान जम्‍मू-कश्‍मीर में लगीं पाबंदियों के खिलाफ दायर याचिकाओं पर फैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा, जब तक जरूरी न हो न तो इंटरनेट पर बैन लगाया जाना चाहिए और न ही धारा 144 लगाना चाहिए. कोर्ट ने कहा, इंटरनेट के बेजा इस्तेमाल और सूचनाएं फैलाने के इंटरनेट के रोल के बीच के फर्क को हमें समझना होगा. हमारा दायित्‍व है कि नागरिकों को सभी सुरक्षा और अधिकार मिले. सुप्रीम कोर्ट ने जम्‍मू-कश्‍मीर में लगी पाबंदियों की अगले 7 दिनों में समीक्षा करने का आदेश भी दिया. फैसला पढ़ने के दौरान कोर्ट ने कहा, हमारा काम था जम्‍मू-कश्‍मीर में आजादी और सुरक्षा चिंताओ के बीच संतुलन कायम करना. साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा, हम कश्‍मीर की राजनीति में हस्‍तक्षेप नहीं करेंगे.

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सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में माना कि इंटरनेट के जरिये सूचनाओं का आदान-प्रदान आर्टिकल 19(1)(A) के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दायरे में आता है. इंटरनेट पर बैन लगाने के वाजिब कारण होने चाहिए और इसे अनंतकाल तक लागू नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने धारा 144 को लेकर कहा, इसे विचारों की विविधता को दबाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. कोर्ट ने कहा, सरकार द्वारा प्रतिबंध से जुड़े आदेश कोर्ट में पेश करने से इंकार करना सही नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने जम्‍मू-कश्‍मीर में ई-बैंकिंग और व्‍यापारिक सेवाएं बहाल करने का आदेश दिया है.

कोर्ट ने सरकार से एक हफ्ते के अंदर पाबंदियों के सभी आदेशों की समीक्षा करने को कहा है. कोर्ट ने यह भी कहा, पाबंदियों से जुड़े सभी आदेशों को सार्वजनिक किया जाए ताकि उन्हें कोर्ट में चुनौती दी जा सके.

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बता दें कि मोदी सरकार ने पिछले साल 5 अगस्‍त को जम्‍मू-कश्‍मीर से अनुच्‍छेद 370 को निष्‍प्रभावी कर दिया था. इसके साथ ही सरकार ने एहतियातन राज्‍य में तमाम तरह की पाबंदियां लगा दी थीं. इसमें इंटरनेट और धारा 144 को लागू करना भी शामिल था. कई संवेदनशील इलाकों में कर्फ्यू भी लगाई गई थी. स्‍कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए थे. तमाम व्‍यापारिक गतिविधियां प्रभावित हो रही थीं. स्‍कूल कॉलेज तो खुल गए. कर्फ्यू और धारा 144 भी हटा दी गई. पिछले दिनों सरकार की ओर से बयान दिया गया था कि अब जम्‍मू-कश्‍मीर में किश्‍तवाड़ को छोड़कर कहीं भी धारा 144 लागू नहीं है.

जम्‍मू-कश्‍मीर में इन पाबंदियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल की गई थीं. नवंबर के अंतिम सप्‍ताह में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर ली थी और फैसला सुरक्षित रख लिया था. आज सुप्रीम कोर्ट ने इस बारे में फैसला सुनाया.

Source : News Nation Bureau

fundamental rights Supreme Court Jammu and Kashmir internet Section 144
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