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आज अंतराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर देशभर में योग कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. झारखंड की राजधानी रांची में भी योग कार्यक्रम आयोजित किया गया हैं जिसमें खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हुए हैं. यहा पीए मोदी करीब 40 हजार लोगों के साथ प्रभात तारा मैदान में योग कर रहे हैं. योग से पहले पीएम मोदी ने रांची ती जनता को संबोधित भी किया.
Prime Minister Shri @narendramodi performs yoga at Prabhat Tara ground in Ranchi on #YogaDay2019 #InternationalDayofYoga pic.twitter.com/DLLkmqxQWm
— BJP (@BJP4India) June 21, 2019
उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत अंतराष्ट्रीय योग दिवस पर बधाई देते हुए की. उन्होंने कहा, 'देश-दुनिया में योग करने के लिए लोग जगह-जगह से आकर इकट्ठा हुए हैं, मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं. योग के दुनिया भर में प्रसार में मीडिया के हमारे साथी, सोशल मीडिया से जुड़े लोग जिस तरह अहम भूमिका निभा रहे हैं, वो भी बहुत महत्वपूर्ण है, मैं उनका भी आभार व्यक्त करता हूं.'
आप सभी को, पूरे देश और दुनिया को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
— BJP (@BJP4India) June 21, 2019
योग के दुनिया भर में प्रसार में मीडिया के हमारे साथी, सोशल मीडिया से जुड़े लोग जिस तरह अहम भूमिका निभा रहे हैं, वो भी बहुत महत्वपूर्ण है। मैं उनका भी आभार व्यक्त करता हूं: पीएम #YogaDay2019 pic.twitter.com/fRGIndaZB7
इसी के साथ पीएम मोदी ने उन तीन वजहों के बारे में भी बताया जिसके चलते वह रांची आए. पीएम मोदी ने कहा, 'आप सोच रहे होंगे कि अंतराष्ट्रीय योग दिवस मनाने में रांची ही क्यों आया. दरअसल इसकी तीन वजह है . पहली वजह है कि योग और प्राकृति के करीब बहुत ही करीबी रिश्ता है. और राची भी प्राकृति के बहुत करीब है.' दूसरी वजह उन्होंने ये बताई कि रांची का नाम स्वास्थ्य के क्षेत्र में इतिहास में दर्ज है क्योंकि रांची से ही आयुष्मान योजना की शुरुआत हुई. तीसरी वजह बताते हुए उन्होंने कहा, 'आधुनिक योग को मुझे शहरों से अब गांव और जंगलों तक गरीबों और आदिवासियों के घर तक ले जाना है. रांची आने की मेरी तीसरी और सबसे बड़ी वजह यही थी.'
पीएम मोदी ने कहा, मुझे योग को गरीब और आदिवासी के जीवन का भी अभिन्न हिस्सा बनाना है. क्योंकि ये गरीब ही है जो बीमारी की वजह से सबसे ज्यादा कष्ट पाता है. पीएम मोदी ने कहा, 'आज के बदलते हुए समय में, Illness से बचाव के साथ-साथ Wellness पर हमारा फोकस होना जरूरी है. यही शक्ति हमें योग से मिलती है, यही भावना योग की है, पुरातन भारतीय दर्शन की है.योग सिर्फ तभी नहीं होता जब हम आधा घंटा जमीन या मैट पर होते हैं.'
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उन्होने कहा, 'योग अनुशासन है, समर्पण हैं, और इसका पालन पूरे जीवन भर करना होता है. योग आयु, रंग, जाति, संप्रदाय, मत, पंथ, अमीरी-गरीबी, प्रांत, सरहद के भेद से परे है.योग सबका है और सब योग के हैं. पीएम मोदी ने कहा, आज हम ये कह सकते हैं कि भारत में योग के प्रति जागरूकता हर कोने तक, हर वर्ग तक पहुंची है. Drawing rooms से Board Rooms तक, शहरों के Parks से लेकर Sports Complexes तक, गली-कूचों से वेलनेस सेंटर्स तक आज चारों तरफ योग को अनुभव किया जा सकता है.'
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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'आज हमारे योग को दुनिया अपना रही है तो हमें योग से जुड़ी रीसर्च पर भी जोर देना होगा. इसके लिए जरूरी है कि हम योग को किसी दायरे को बांध कर ना रखें, योग को Medical, Physiotherapy, Artificial Intelligence से भी जोड़ना होगा.'