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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस: 1909 में पहली बार मनाया गया था, जानें दिलचस्प बातें

इस बार अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की थीम 'Be Bold for Change' है। इसका मतलब है कि बदलाव के लिए आपको पहले सशक्त बनना होगा।

Updated on: 08 Mar 2017, 08:50 AM

नई दिल्ली:

8 मार्च को पूरी दुनिया अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day) मना रही है। इस दिन को महिलाओं के सम्मान के तौर पर मनाया जाता है। साथ ही यह दिन याद दिलाता है कि कैसे महिलाओं ने समाज में खुद को स्थापित किया और आज पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। हम आपको बताने जा रहे हैं इस दिन से जुड़े इतिहास के बारे में...

- क्या आपको पता है कि महिलाओं को पहले वोट डालने तक की आजादी नहीं थी। पढ़ाई-नौकरी से उन्हें कोसो दूर रखा जाता था, लेकिन जैसे-जैसे जमाना बदला, महिलाओं को अपनी अहमियत का अंदाजा हो गया।

- सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका ने न्यूयॉर्क में साल 1908 में सरकारी कर्मचारियों के हड़ताल को सम्मानित किया था। इसी दिन महिलाओं ने काम के घंटे कम करने और अच्छी सैलरी के लिए अपना विरोध प्रदर्शन किया।

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- इस घटना के एक साल बाद यानी 1909 में अमेरिका में पहली बार महिला दिवस मनाया गया था।

- साल 1910 में जर्मनी की सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी की महिला लीडर क्लारा जेट्किन ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का विचार रखा। उन्होंने कहा कि हर देश में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाना चाहिए, ताकि महिलाएं भी आगे बढ़ सकें।

- साल 1911 में ऑस्ट्रिया डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्जरलैंड में अंतराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया।

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- 8 मार्च 1913-14 में यूरोप में महिलाओं ने पीस कार्यकर्ताओं के समर्थन में रैलियां निकाली। यह दिन युद्ध के विरोध का प्रतीक बनकर उभरा। साथ ही तारीख को 28 फरवरी की जगह 8 मार्च कर दिया गया। तब से इसे हर साल इसी दिन मनाया जाता है।

- इसके बाद संयुक्त राष्ट्र संघ ने साल 1975 में इसे मनाना शुरू किया था।

- साल 2011 में पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मार्च महीने को महिलाओं का ऐतिहासिक माह कहकर पुकारा था। यही नहीं, उन्होंने इस महीने को महिलाओं की मेहनत के नाम समर्पित किया था।

- इस बार अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की थीम 'Be Bold for Change' है। इसका मतलब है कि बदलाव के लिए आपको पहले सशक्त बनना होगा।

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