विधानसभा चुनावों से पहले, पंजाब कांग्रेस में आंतरिक दरार और बढ़ गई है। राज्य के पार्टी प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी ही सरकार और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी सहित मंत्रियों पर हमला बोला है।
सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली में पार्टी के नेता पंजाब की स्थिति से नाखुश हैं और उन्होंने राज्य के नेताओं से एकजुट मोर्चा बनाने और एक-दूसरे के खिलाफ बोलने से परहेज करने को कहा है।
सिद्धू ने राज्य के गृह मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा की आलोचना की है, जिन्होंने कथित तौर पर एक ड्रग मामले में शिअद नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को गिरफ्तार नहीं करने के लिए अपना पोर्टफोलियो छोड़ने की पेशकश की है।
कांग्रेस नेता कहते रहे हैं कि सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी लेकिन अभी प्राथमिकी दर्ज की गई है।
पूर्व अकाली मंत्री और सुखबीर बादल के बहनोई बिक्रम सिंह मजीठिया पर 21 दिसंबर को नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। प्राथमिकी के अनुसार, मजीठिया पर अपनी संपत्ति या वाहन के उपयोग के माध्यम से नशीली दवाओं की तस्करी की अनुमति देने, दवाओं के वितरण या बिक्री के वित्तपोषण और तस्करी के लिए आपराधिक साजिश रचने के लिए मामला दर्ज किया गया था।
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी ने पिछले महीने कहा था कि उनकी सरकार किसी भी ड्रग तस्कर को मुक्त नहीं होने देगी और मजीठिया के मामले में कानून अपना काम करेगा।
चन्नी ने नशीली दवाओं के खतरे को पूरी तरह से खत्म करने के लिए अपनी सरकार की ²ढ़ प्रतिबद्धता दोहराई थी।
हालांकि दिल्ली में कांग्रेस नेतृत्व चुनाव वाले राज्यों की आंतरिक समस्याओं को ठीक करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन पंजाब के बाद उत्तराखंड में समस्याओं का उदय होने के कारण मुश्किलों का कोई अंत नहीं दिख रहा है। अब पंजाब, गोवा, मणिपुर इकाइयों में विधायकों का पलायन हो रहा है।
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Source : IANS