भारत ने सिंधु जल समझौते (आईडब्ल्यूटी) के तहत अपने हिस्से के पूरे पानी का इस्तेमाल किए जाने की कोशिशें तेज कर दी हैं। उरी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ दबाव बनाने के लिए कूटनीतिक स्तर पर काम करते हुए सिंधु जल समझौते की समीक्षा किए जाने की बात की थी।
शुक्रवार को इस मसले को लेकर गठित उच्च स्तरीय टास्क फोर्स की पहली बैठक हुई। बैठक में जमीनी स्तर पर काम तेज किए जाने कि दिशा में बेहतर समन्वय स्थापित किए जाने को लेकर पंजाब और जम्मू-कश्मीर की सरकार को भी साथ लाने पर बात हुई।
बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा ने की। बैठक में कश्मीर में प्रस्तावित हाइड्रो-पावर प्रॉजेक्ट्स संबंधी कार्य को रफ्तार देने और स्टोरेज कपैसिटी सहित जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर को तैयार करने पर विचार किया गया ताकि सिंधु, झेलम और चेनाब नदियों से पानी का इस्तेमाल किया जाए।
बैठक में पंजाब के चीफ सेक्रटरी भी शामिल हुए। दरअसल, रावी, ब्यास और सतलुज जैसी नदियों को लेकर इस पूरी प्रक्रिया में पंजाब की भागीदारी काफी अहम है। पंजाब और जम्मू-कश्मीर के चीफ सेक्रटरीज के अलावा इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, विदेश सचिव एस. जयशंकर, वित्त सचिव अशोक लवासा और जल संसाधन सचिव शशि शेखर भी शामिल हुए।
HIGHLIGHTS
- भारत ने सिंधु जल समझौते पर काम करना तेज कर दिया है
- शुक्रवार को इस मसले को लेकर गठित उच्च स्तरीय टास्क फोर्स की पहली बैठक हुई
Source : News Nation Bureau