मोहन भागवत, संघ प्रमुख (फाइल फोटो)
अंतरजातीय विवाह को लेकर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने एक नई जानकारी साझा की है। संघ प्रमुख के मुताबिक अंतरजातीय विवाह करने वाले सबसे अधिक स्वंयसेवक हैं। उन्होंने कहा कि संघ के लोगों ने सबसे ज्यादा अंतर्जातीय विवाह किए हैं। कुरीतियों को खत्म करने के लिए समाज को बिना भेद-भाव वाली नजरों से देखना जरूरी है। अन्तर्जातीय विवाह से हिंदू समाज एकजुट रहेगा, इसलिए हम सभी हिंदुओं को संगठित करने का प्रयास कर रहे हैं, जिसमें अन्तर्जातीय विवाह एक बहुत ही निर्णायक होगा।
मोहन भागवत ने कहा, 'अंतरजातीय विवाह को लेकर सर्वे किया जाए तो संघ के लोगों का प्रतिशत सबसे अधिक होगा।'
भागवत ने कहा, 'अंतरजातीय विवाह का सबसे पहला मामाला 1942 में महाराष्ट्र में देखने को मिला था। उस दौरान वर-वधु को आशीर्वाद देने वालों की फेहरिस्त में बाबा साहब अंबेडकर और श्री गुरुजी भी थे। गुरुजी ने कहा था कि आप दोनों का विवाह केवल शारीरिक आकर्षण की वजह से नहीं हो रहा है बल्कि आप समाज के सामने समानता का एक उदाहरण पेश कर रहे हैं।'
If you do a survey of intercaste marriages in India, maybe you will find the maximum percentage of those being swayamsevaks from Sangh: RSS Chief Mohan Bhagwat in Delhi pic.twitter.com/lTeZjRxuh2
— ANI (@ANI) September 19, 2018
भागवत ने आगे कहा कि संघ अंग्रेजी सहित किसी भी भाषा का विरोधी नहीं है लेकिन इसे उचित जगह दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह किसी भारतीय भाषा का स्थान नहीं ले सकती।
संघ के तीन दिवसीय सम्मेलन के अंतिम दिन लिखित प्रश्नों का जवाब देते हुए भागवत ने कहा, 'आपको अंग्रेजी समेत किसी भी भाषा का विरोधी नहीं होना चाहिए और इसे हटाया नहीं जाना चाहिए।'
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उन्होंने भी कहा, 'हमारी अंग्रेजी के साथ कोई शत्रुता नहीं है। हमें कुशल अंग्रेजी वक्ताओं की ज़रूरत है।'
Source : News Nation Bureau