खुफिया रिपोर्टः पाकिस्तान सेना के बेस के आसपास चल रहे आतंक के अड्डे
अब कम समय में यहां आतंकियों को तैयार कर सीमा पर बनी पाकिस्तानी सेना की पोस्टों पर भेज देते हैं, ताकि घुसपैठ करवाई जा सके
नई दिल्ली:
विश्केक में आतंक के मुद्दे पर लताड़ खाने के बाद तिलमिलाए पाकिस्तान ने फिर दुस्साहस किया है. 14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा (Pulwama)में आतंकी हमले के बाद एक बार फिर आतंकियों (Terrorists) ने एक बार फिर से सेना के काफिले पर हमला (Terror Attack) कर दिया है. आपको बता दें कि हमारी न्यूज वेबसाइट ने एक दिन पहले ही इस हमले के अलर्ट की खबर चलाई थी. इस बार आतंकियों ने आईडी (IED) इस्तेमाल किया है और ऑर्मी के 44 राष्ट्रीय राइफल्स को निशाना बनाने की कोशिश की है. इस हमले में सेना के पांच जवानों के घायल होने की सूचना है. जबकि एक आतंकी के मारे जाने की खबर है.
पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान पूरी दुनिया में एक्सपोज हो चुका है. इस घटना के बाद भारतीय वायु सेना की एयर स्ट्राइक ने पाकिस्तान की चूलें हिला दी. पाकिस्तान इससे सबक लेते हुए उसने बार्डर के अपने कई आतंकी प्रशिक्षण शिविरों को सैन्य कैंपों में या उसके पास स्थानांतरित कर दिया था. अब खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने पाकिस्तान और पीओके में 16 आतंकी ठिकानों को लेकर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की.
सूत्रों के अनुसार, इन कैंपों को न सिर्फ शारीरिक प्रशिक्षण के लिए इस्तेमाल किया जाता है बल्कि आतंकियों को हाईटेक गैजेट्स चलाने की ट्रेनिंग भी दी जाती है.
- सभी आतंकी कैंप पाकिस्तान सेना के बेस के आसपास हैं.
- पीओके में 11 ऐसे आतंकी कैंप भारतीय सीमा के करीब हैं.
- ताकि वहां से भारत में घुसपैठ की जा सके. इन 11 कैंपों में से 5 पीओके के मुजफ्फराबाद, कोटली और बरनाला क्षेत्र में हैं.
यह भी पढ़ें- कंगाल पाकिस्तान नहीं लगा पा रहा आतंक पर लगाम, पुलवामा में फिर आतंकी हमले की जताई आशंका
- इन ट्रेनिंग कैंपों में आतंकियों को कमांडो जैसी ट्रेनिंग दी जाती है. यानी उन्हें नई तकनीक के साथ मिलकर लड़ने का प्रशिक्षण दिया जाता है.
- इन आतंकी कैंपों में शीर्ष आतंकी कमांडरों के कम्युनिकेशन और कंट्रोल स्टेशन हैं.
- इन कैंपों में आतंकियों को स्नाइपर ट्रेनिंग, पानी में लड़ने की ट्रेनिंग, ड्रोन चलाना और आईईडी लगाना सिखाया जाता है.
बताया जाता है कि 10-13 शिविर ऐसे हैं जिनका इस्तेमाल लश्कर-ए-तय्यबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों के आतंकियों और कमांडरो द्वारा इस्तेमाल किया जाता है.
- बालाकोट कैंप के संचालन मसूद अजहर का साला यूसुफ अजहर कर रहा था.
- यूसुफ नए जेहादियों को ट्रेनिंग देने के साथ ही पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में था.
- खुफिया सूत्रों के मुताबिक, इससे पहले बालाकोट कैंप आतंकी संगठन हिज्ब-उल-मुजाहिद्दीन का ट्रेनिंग सेंटर था जिसे कुछ साल पहले जैश-ए-मोहम्मद ने अपने कब्जे में ले लिया था.
- इस कैंप में ट्रेनिंग देने वाले पाकिस्तानी सेना के पूर्व अधिकारी और अफगानिस्तानी लड़ाके होते थे.
- पहले जो आतंकी पांच-छह माह में तैयार होता था, अब उसे दिन-रात कठोर प्रशिक्षण देकर एक से डेढ़ माह में तैयार किया जाने लगा है
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Arti Singh Wedding: सुर्ख लाल जोड़े में दुल्हन बनीं आरती सिंह, दीपक चौहान संग रचाई ग्रैंड शादी
-
Arti Singh Wedding: दुल्हन आरती को लेने बारात लेकर निकले दीपक...रॉयल अवतार में दिखे कृष्णा-कश्मीरा
-
Salman Khan Firing: सलमान खान के घर फायरिंग के लिए पंजाब से सप्लाई हुए थे हथियार, पकड़ में आए लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गे
धर्म-कर्म
-
Maa Lakshmi Puja For Promotion: अटक गया है प्रमोशन? आज से ऐसे शुरू करें मां लक्ष्मी की पूजा
-
Guru Gochar 2024: 1 मई के बाद इन 4 राशियों की चमकेगी किस्मत, पैसों से बृहस्पति देव भर देंगे इनकी झोली
-
Mulank 8 Numerology 2024: क्या आपका मूलांक 8 है? जानें मई के महीने में कैसा रहेगा आपका करियर
-
Hinduism Future: पूरी दुनिया पर लहरायगा हिंदू धर्म का पताका, क्या है सनातन धर्म की भविष्यवाणी