भारतीय खुफिया एजेंसियों को पता चला है कि कुछ महिला आत्मघाती हमलावरों का एक दस्ता भारत में प्रवेश कर चुका है। ये महिला हमलावर आत्मघाती हमले को अंजाम दे सकती हैं।
बताया जा रहा है कि इन महिला आत्मघाती हमलावरों का संबंध आतंकी संगठन जमात-उद-दावा और जैश-ए-मोहम्मद से है। इन आत्मघाती महिला हमलावरों को न केवल पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने चुना है बल्कि बल्कि उन्हें खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कैंपों में ट्रेनिंग दी गई है।
खुफिया सूत्रों के मुताबिक हमलावरों की तादाद 7 से ज्यादा है। सूत्रों की माने तो मुंबई हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद का बेटा तल्हा सईद इस ऑपरेशन का कमांडर है।
बताया जा रहा है कि ये महिला आत्मघाती ऑयल रिफाइनरी, न्यूक्लियर रिऐक्टर्स, मेट्रो ट्रेन, आयुध भंडारों, सैन्य और अर्धसैनिक बलों के ठिकानों, धार्मिक स्थलों और दूतावासों को निशाना बना सकती हैं।
इस खतरे के बारे में दिल्ली, मुंबई, पंजाब, बिहार और दक्षिण भारत के राज्यों की ऐंटी टेरर यूनिट को मौखिक तौर पर जानकारी भेज दी गई है। इस मामले में जमात-उद-दावा और जैश-ए-मोहम्मद के नाम सामने आने से भारतीय सुरक्षा एजेंसियां हैरान हैं।
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जमात अब बंद हो चुका है जो अब तहरीक-ए-आजादी जम्मू कश्मीर के नाम से पूरी तरह से सक्रिय है। बताया जाता है कि इन संगठनों में महिलाओं के सेल तो मौजूद हैं, लेकिन उनका इस्तेमाल आत्मघाती हमलावरों के तौर पर नहीं होता है।
साजिश का पता उस समय चला जब दिल्ली पुलिस ने एक जासूसी रैकिट का भंडाफोड़ किया था। पता चला था कि एक एयरफोर्स कर्मी को 2012 में दामिनी मैकनॉट नाम की महिला ने हनीट्रैप में फंसाने की कोशिश की थी।
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HIGHLIGHTS
- भारत में महिला फिदायीन से हमला कराने की योजना बना रहा है पाकिस्तान
- मेट्रो, सैन्य और अर्धसैनिक बलों के ठिकानों को बनाया जा सकता है निशाना
Source : News Nation Bureau