इंटेलिजेंस एजेंसियों ने पाक सेना और पाक आतंकवादी संगठन द्वारा पीओके में इस्तेमाल किए जा रहे कोड वर्ड्स को इंटरसेप्ट किया है. POK से FM सिग्नल्स के जरिये पाक सेना और आतंकवादी संगठन कश्मीर में अपने हैंडलर को संदेश भेज रहे हैं. कम्युनिकेशन ब्रेक डाउन होने के बाद आतंकियों ने अपने मॉड्यूल से संपर्क साधने और उन्हें निर्देश देने के लिए FM फ्रीक्वेंसी का रास्ता खोजा है.
यह भी पढ़ें : ट्रैफिक जुर्माने को कोई राज्य कम नहीं कर सकता, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कही ये बात
हाल ही में पाकिस्तान की सेना ने एलओसी (LOC) के पास VHF (बहुत उच्च आवृत्ति) रेडियो स्टेशन को स्थानांतरित करने के लिए सिग्नल कोर को निर्देशित किया है. इन VHF का उपयोग "कौमी तराना" के लिए किया जाता है. इन तरानों का उपयोग लश्कर, जेईएम और अल बद्र द्वारा स्थानीय कैडर के साथ संवाद करने के लिए भी किया जाता है. टॉवर द्वारा संचार के लिए उपयोग किए जाने वाले कॉल संकेत- जेएम: 66/88 लश्कर: ए 3 अल बदर: डी 9 12 अगस्त से (370 के उन्मूलन के बाद) टेररिस्ट इन कौमी तरानों का बहुत सक्रियता से उपयोग कर रहे हैं.
गौरतलब है कि पाकिस्तान ने पिछले दिनों अपने स्पेशल फोर्स के 100 कमांडो को एलओसी के पास भेजा है. पाकिस्तान की ओर से एलओसी पर एसएसजी कमांडो की तैनाती के बाद भारतीय सेना भी अलर्ट पर है. बताया जा रहा है कि भारतीय सेना ने हाल ही में केरन और माछिल सेक्टर में पाकिस्तान द्वारा बैट की कार्रवाई को नाकाम कर दिया था. सेना और चौकियों को अलर्ट पर रहने की बात कही गई है. पाकिस्तान ने एलओसी पर भी अपनी मौजूदगी बढ़ाई है.
बता दें कि इससे पहले पाकिस्तान ने गुजरात की सरक्रीक खाड़ी में एसएसजी कमांडो तैनात किए थे. पाकिस्तान ने इकबाल-बाजवा पोस्ट पर अपने कमांडो को तैनात किया है. सूत्रों के मुताबिक आशंका जताई जा रही है कि पाकिस्तान अपने कमांडो का इस्तेमाल वहां तैनात भारतीय सुरक्षा बलों के खिलाफ ऑपरेशन करने के लिए कर सकता है.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो