नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शनकारियों द्वारा फैलाई जा रही हिंसा के विरोध में देश के कई रिटायर्ड आईएस और आईपीएस अफसरों सहित 154 प्रबुद्ध नागरिकों ने शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की है. इस मुलाकात में इन लोगों ने एनआरसी और सीएए के विरोध के नाम पर हिंसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने और लोकतांत्रिक संस्थाओं को सुरक्षा प्रदान करने की मांग की है. आपको बता दें कि राष्ट्रपति से अपील करले वाले इन प्रबुद्ध नागरिकों में शीर्ष सरकारी एवं संवैधानिक पदों से सेवानिवृत हुए बुद्धिजीवी लोग शामिल हैं.
सिक्किम उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश प्रमोद कोहली के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल दल ने शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की और उनके सामने नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हिंसा फैला रहे लोगों पर कार्रवाई करने की मांग की. इन लोगों ने राष्ट्रपति से कहा कि, कुछ राजनीतिक तत्व संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शनकारियों को प्रश्रय दे रहे हैं.
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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने पहुंचे इस प्रतिनिधिमंडल ने कहा है कि देश में द्वेषपूर्ण माहौल पैदा करने के लिए कुछ संगठनों की समाज में विभाजन पैदा करने की हरकत से हम लोग बहुत चिंतिंत हैं. इस प्रतिनिधि मंडल ने आगे कहा कि अगर यह आंदोलन शांतिपूर्ण रहता है और लोगों को असुविधा नहीं होती है, तो उन्हें इस आंदोलन से कोई एतराज नहीं है. प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सौंपा जिसमें उच्च न्यायालयों के 11 पूर्व न्यायाधीश, आईएएस, आईपीएस, आईएफएस और पूर्व राजनयिक समेत 72 पूर्व नौकरशाहों , 56 शीर्ष पूर्व रक्षा अधिकारियों, बुद्धिजीवियों, अकादमिक विद्वानों और चिकित्सा पेशेवरों के हस्ताक्षर हैं.
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