तमिल नरसंहार स्मरण दिवस से पहले हाई अलर्ट पर खुफिया एजेंसियां
तमिल नरसंहार स्मरण दिवस से पहले हाई अलर्ट पर खुफिया एजेंसियां
चेन्नई:
केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने 18 मई को तमिल नरसंहार स्मरण दिवस के दौरान लिट्टे के पूर्व कैडरों के फिर से संगठित होने और हमले की कोशिश करने की संभावना को देखते हुए चेतावनी जारी की है। तमिलनाडु के गृह विभाग के सूत्रों ने यह जानकारी दी।तमिल नरसंहार स्मरण दिवस 18 मई को श्रीलंकाई तमिलों द्वारा प्रतिवर्ष चिह्न्ति किया जाता है और इसी तारीख को द्वीप राष्ट्र में 25 साल से अधिक समय तक चला गृह युद्ध 2009 में समाप्त हुआ था।
सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि 1948 में स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद से श्रीलंका के सबसे खराब आर्थिक संकट के साथ-साथ द्वीप राष्ट्र में हाल ही में हुई हिंसा के बीच लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) के पूर्व कैडरों सहित कुछ तमिल समूहों के फिर से संगठित होने और हमलों की योजना बनाने की संभावना भारतीय खुफिया एजेंसियों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है।
तमिलनाडु पुलिस ने सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को खासकर तटीय इलाकों में पूर्व कार्यकर्ताओं के राज्य में आने की आशंका को लेकर सतर्क रहने का निर्देश दिया है।
आर्थिक संकट के मद्देनजर श्रीलंका से 70 से अधिक लोग भारी कीमत चुकाकर मछली पकड़ने वाली नावों से धनुषकोडी और रामेश्वरम होते हुए तमिलनाडु पहुंच हैं।
तमिलनाडु सरकार के उन्हें जेल नहीं भेजने के फैसले के बाद इन लोगों को फिलहाल रामेश्वरम के मंडपम शरणार्थी शिविर में रखा जा रहा है।
तमिलनाडु तटीय पुलिस और भारतीय तटरक्षक बल ने भी श्रीलंका से अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) पार करने वाली किसी भी गतिविधि पर सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर रिपोर्ट करने के लिए तमिलनाडु से मछली पकड़ने वाली नौकाओं को सतर्क किया है।
लिट्टे के पूर्व खुफिया संचालक सतकुनम को पिछले साल तब गिरफ्तार किया गया था, जब उस पर नशीले पदार्थों की तस्करी और भारत में आतंकवादी समूह को फिर से संगठित करने के लिए धन इकट्ठा करने का आरोप लगाया गया था।
एक महिला जो चेन्नई से मुंबई जा रही थी, उसे भी तमिलनाडु पुलिस ने लिट्टे से जुड़े एक निष्क्रिय बैंक खाते के साथ संदिग्ध जुड़ाव को लेकर गिरफ्तार किया था।
गृह विभाग के सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने यह भी चेतावनी दी है कि वैश्विक तमिल प्रवासियों के कुछ वर्ग तमिल राष्ट्रवाद का समर्थन कर रहे हैं और श्रीलंका के राजपक्षे परिवार के रक्षात्मक होने के कारण, द्वीप राष्ट्र पर कुछ असंगठित हमलों की संभावना अधिक है।
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