प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि कच्चे उत्पाद के बजाय प्रसंस्कारित उत्पादों का विस्तार किया जाना चाहिए, ताकि मछुआरों और किसानों को ज्यादा लाभ मिले।
प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत स्वयंपूर्ण गोवा कार्यक्रम के लाभार्थियों और हितधारकों के साथ संवाद के दौरान यह बात कही।
उन्होंने कहा कि भारत सबसे लंबे समय से कच्चे माल के तौर पर मछली का निर्यात कर रहा है। भारतीय मछली को पूर्वी एशियाई देशों में संसाधित किया जा रहा है, जिसके बाद यह विश्व बाजार में आती है। इस वास्तविकता को बदलने के लिए मत्स्य पालन क्षेत्र को (केंद्र सरकार द्वारा) पहली बार बड़े पैमाने पर सहायता दी गई है।
मोदी ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने मत्स्य पालन के लिए एक अलग मंत्रालय भी बनाया है, जबकि मछली पकड़ने के जहाजों के आधुनिकीकरण के लिए भी कदम उठाए हैं।
गोवा के एक पारंपरिक मछुआरे लुइस काडोर्जो के साथ अपनी आभासी बातचीत के दौरान, मोदी ने मछुआरों से खुद को कच्चे बाजार तक सीमित नहीं रखने का आग्रह किया।
मछलीपालन उद्यमी लुइस काडोर्जो ने अपने बारे में बताया कि कैसे उन्होंने सरकारी योजनाओं और गर्मी को बाहर रखने वाले इनसुलेटेड वाहनों के इस्तेमाल से लाभ उठाया। प्रधानमंत्री ने किसान क्रेडिट कार्ड, नाविक एप्र, नावों के लिए वित्तीय सहायता तथा मछुआरा समुदाय की मदद करने वाली योजनाओं पर चर्चा की। प्रधानमंत्री ने अपनी इच्छा व्यक्त करते हुए कहा कि कच्चे उत्पाद के बजाय प्रसंस्कारित उत्पादों का विस्तार किया जाना चाहिए, ताकि मछुआरों और किसानों को ज्यादा लाभ मिले।
मोदी ने यह भी कहा, हमारी सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयास कर रही है कि मछुआरे खुद को कच्चे बाजार तक सीमित न रखें, बल्कि प्रसंस्करण से लाभान्वित हों।
प्रधानमंत्री ने कहा, मछली के व्यापार-कारोबार के लिए अलग मंत्रालय से लेकर मछुआरों की नावों के आधुनिकीकरण तक हर स्तर पर प्रोत्साहन दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत भी गोवा में हमारे मछुआरों को बहुत मदद मिल रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि पिछले छह से सात वर्षों में, केंद्र सरकार ने मछुआरों को सशक्त बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसमें मछली पकड़ने वाले समुदाय के सदस्यों को किसान क्रेडिट कार्ड प्रदान करना, मछली पकड़ने वाली नौकाओं में उपकरण और सुविधाओं का उन्नयन करना शामिल है।
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Source : IANS