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इंफोसिस फाउंडर नारायणमूर्ति ने जताई चिंता, कहा 'मुद्दा विशाल सिक्का नहीं, कॉरपोरेट गवर्नेंस का है'

इंफोसिस मैनेजमेंट विवाद की लगातार ख़बरों के बीच कंपनी के को-फाउंडर नारायण मूर्ति का आया बयान। कहा 'कंपनी में हो रही घटनाओं से चिंतित हूं'

Updated on: 10 Feb 2017, 02:47 PM

नई दिल्ली:

इंफोसिस मैनेजमेंट विवाद से कंपनी के को-फाउंडर और कंपनी के पहले चेयरमैन नारायण मूर्ति बेहद दुखी है। नारायण मूर्ति ने इस मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि, ' मुद्दा कंपनी के सीईओ विशाल सिक्का नहीं बल्कि मुद्दा कॉरपोरेट गवर्नेंस का है। इसमें बेहद गिरावट आई है।'

इंफोसिस कंपनी के सबसे बड़े शेयर होल्डर (3.44%) नारायण मूर्ति कंपनी में चल रहे विवादों से बेहद दुखी है। नारायण मूर्ति ने कहा कि, 'जब डेविड कैनेडी को (पूर्व लीगल और कम्पलाइंज हेड, जिन्होंने हाल ही में इस्तीफा दिया है) को नियुक्त किया गया था ऐसा लगा जैसे किसी जानकारी जुटाने की ज़रुरत नहीं महसूस की। क्या इंफोसिस में 12 महीने की सेवरेंस पे को स्वीकारना सामान्य है? जबकि सभी लोगों के लिए इसका नियम कुल 3 महीने का है?'

उन्होंने सवाल किया कि, ' जब पूर्व सीएफओ राजीव बंसल ने कंपनी छोड़ी तो उन्हें क्या 30 महीने का सेवरेंस पे दिया गया। जोकि 10 गुना ज़्यादा है, ऐसे एक्सट्राऑरडनरी पेमेंट के पीछे क्या सच है?' उन्होंने कंपनी के पूर्व शीर्ष अधिकारियों को दिए गए भारी भरकम वेतन दिए जाने पर सवाल उठाए हैं, जिससे कंपनी के बाकी कर्मचारियों का मनोबल गिरा है। 

 

किरण मजूमदार शॉ, इंडिपेंडेंट डायरेक्टर, इंफोसिस बोर्ड (फाइल फोटो)
किरण मजूमदार शॉ, इंडिपेंडेंट डायरेक्टर, इंफोसिस बोर्ड (फाइल फोटो)

इंफोसिस मैनेजमेंट विवाद पिछले कुछ दिनों से ख़बरों में लगातार बना हुआ है। इस मुद्दे पर बायकॉन की चेयरमैन और इंफोसिस की इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स के बोर्ड में शामिल किरण मजूमदार शॉ ने इंफोसिस बोर्ड के बीच बेहतर तालमेल की बात कही है।

उन्होंने कहा है कि, ' मुझे लगता है कि इंफोसिस इसके फाउंडर्स द्वारा बनाई गई एक बहुत बड़ी कंपनी है। ऐसे में बोर्ड मेंबर के रुप में कंपनी को आगे ले जाने और बढ़ाने के प्रति हमारी महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारियां और कर्तव्य है।' उन्होंने विश्वास जताया कि कंपनी के सीईओ विशाल सिक्का और उनकी टीम इस दिशा में बेहतरीन काम कर रही है। उन्होंने कहा कि कंपनी को नुकसान पहुंचाने वाली ख़बरों को गंभीरता से लिया जाएगा और कंपनी को नुकसान पहुंचाने वाली घटनाओं को रोकने की कोशिश की जाएगी।

इसके अलावा उन्होंने कंपनी के को-फाउंडर नारायण मूर्ति के प्रति संवेदना भी जताई और कहा कि, 'मि. मूर्ति का चिंता में आना सामान्य बात है और मेरी उनके साथ पूरी सहानुभूति है और मुझे लगता है कि हमें मामले को जल्द ख़त्म कर आगे बढ़ना चाहिए।'

विशाल सिक्का, सीईओ, इंफोसिस (फाइल फोटो)
विशाल सिक्का, सीईओ, इंफोसिस (फाइल फोटो)

वहीं इससे पहले कंपनी सीईओ विशाल सिक्का ने कर्मचारियों को चिट्ठी लिखकर मामले को हल्का करने की भी कोशिश की है। उन्होंने कंपनी के कर्मचारियों को मेल के ज़रिए ऐसी अफवाहों पर ध्यान न देने की बात कही है।

सिक्का ने कर्मचारियों को भेजे आंतरिक मेल में कहा है कि, 'हमें अपना ध्यान रणनीतियों के क्रियान्वयन पर रखना चाहिए। मीडिया की अटकलों पर ध्यान न दें, जो अफवाह फैलाने के लिए हैं या पुरानी अफवाहों पर आधारित हैं या जो अनजान चीजों, वीजा आदि के बारे में की जा रही है।'

दरअसल, इन दिनों मीडिया में इंफोसिस के सीईओ और संस्थापकों के बीच सिक्का को दिए गए वेतन वृद्धि और दो पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों को कंपनी से हटने के पैकेज पर भारी भरकम सेवरेंस पे दिया गया है। इसके बाद से मामला सुर्खियों में है।