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भारत-नेपाल में जारी तनाव के बीच दोनों देशों के बीच रेल सेवा शुरू करने की तैयारी

नेपाल और भारत के बीच में एक बार फिर से रेल सेवा की शुरुआत होने जा रही है. भारत सरकार के सहयोग से बना रेलवे लिंक बिहार के जयनगर से नेपाल के जनकपुरधाम तक चलने वाला है. बाद में इसे नेपाल के अन्य शहरों तक विस्तार किये जाने की योजना है.

Updated on: 18 Sep 2020, 04:09 PM

नई दिल्ली:

नेपाल और भारत के बीच में एक बार फिर से रेल सेवा की शुरुआत होने जा रही है. भारत सरकार के सहयोग से बना रेलवे लिंक बिहार के जयनगर से नेपाल के जनकपुरधाम तक चलने वाला है. बाद में इसे नेपाल के अन्य शहरों तक विस्तार किये जाने की योजना है.

हालांकि यह रेल लाइन पिछले साल ही बन कर तैयार हो गया था लेकिन 9 महीनों तक दोनों देशों के बीच में राजनीतिक और कुटनीतिक संबंधों में एक ठहराव आ जाने के कारण इसमें देरी हुई. हालांकि कोरोना महामारी की वजह से भी इस रेल को नेपाल तक पहुंचने में देरी हुई है.

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भारत सरकार के करीब 100 करोड़ रुपये लागत से 70 किमी का यह रेल लिंक जयनगर से नेपाल के बर्दिबास तक बनना है. जिसके पहले फेज में जनकपुर के कुर्था तक यह बनकर तैयार है. भारत के चेन्नई में रहे इंटिग्रेटेड रेल कोच फैक्ट्री में नेपाल और भारत के बीच चलने वाले इस रेल के इंजिन और डिब्बों को बनाया गया है.

नेपाल ने 80 करोड़ रुपये की लागत में डीजल इलेक्ट्रिक मल्टिपल यूनिट (DEMU) ट्रेन खरीदा है जो कि मार्च से ही बनकर तैयार था. पिछले 6 महीने से यह समस्तीपुर और हाजीपुर स्टेशनों पर रूका रहा. अब जबकि नेपाल में लॉकडाउन खुल गया है तो यह रेल भी आज ही बिहार के जयनगर के रास्ते जनकपुर तक लाया गया है.

कुछ दिनों तक इसका ट्रायल होने के बाद दोनों देशो के प्रधानमंत्री इसको हरि झंडी दिखाकर औपचारिक रूप से शुरुआत करने वाले हैं. जयनगर और जनकपुर के बीच में पहले भी नैरो गेज की ट्रेन चलती थी जिसे अंग्रेजों ने बनवाया था. लेकिन करीब 6 साल पहले ही उसका संचालन बंद कर दिया गया था.

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बता दें कि नेपाल और भारत के बीच में 2010 से ही इस रेल लाइन के बाने की शुरुआत हुई थी. 2010 से लेकर 2014 तक भारत के तरह महज तीन किमी रेल लिंक का ही निर्माण हो पाया था. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नेपाल भ्रमण के दौरान इस रेल प्रोजेक्ट को प्राथमिकता के साथ आगे बढाने का निर्देश दिए जाने के बाद से इसकी काम में तेजी आई और यह अभी बनकर तैयार हो गया है.