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भारत की ट्रंप को दो टूक, पहले अपनी जरूरतें होंगी पूरी तब दवा देने पर होगा विचार

भारत ने ट्रंप के बयान (Trump threat to india) के बाद उठे विवाद पर कहा कि यह किसी भी सरकार का दायित्व होता है कि पहले वह सुनिश्चित करे कि उसके अपने लोगों के पास दवा (hydroxychloroquine) या इलाज के हर जरूरी संसाधन उपलब्ध हों.

Updated on: 07 Apr 2020, 01:41 PM

नई दिल्ली:

डोनाल्ड ट्रंप के बयान के बाद भारत ने अमेरिका को करारा जबाव दिया है. ट्रंप ने कहा था कि अगर भारत ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (hydroxychloroquine) पर से प्रतिबंध नहीं हटाया तो अमेरिका भी जवाबी कार्रवाई कर सकता है. इसके बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने साफ कहा कि किसी भी सरकार का दायित्व है कि वह पहले अपने नागरिकों के बारे में सोचे. भारत की जरूरतें पूरी होने के बाद ही किसी अन्य देश को दवा देने पर विचार किया जाएगा.

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कुछ दवाओं से हटे प्रतिबंध
भारत ने सोमवार को 14 दवाओं से प्रतिबंध हटा लिया. इन दवाओं के प्रतिबंध हटाने से पहले यह सुनिश्चित किया गया कि देश में इसकी कोई कमी तो नहीं है. जहां तक पैरासिटामोल और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की बात है वह लाइसेंस कैटेगरी में रहेगी और उसकी मांग पर लगातार नजर रखी जाएगी. लेकिन अगर मांग के अनुरूप आपूर्ति रही तो फिर कुछ हद तक निर्यात की अनुमति दी जा सकती है.

मानवीय आधार पर दवा भेजी जाएंगी
हालांकि भारत ने यह भी साफ कर दिया कि इस बीमारी का मुकाबला सभी देशों को एकजुट होकर मुकाबला करना है. भारत उन देशों को मानवीय आधार पर दवा का निर्यात करेगा जो कोरोना से सबसे अधिक संक्रमित हैं. जिन देशों को दवा की जरूरत हैं भारत मानवीय आधार पर उन देशों को दवा का निर्यात करेगा.

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राहुल गांधी ने की अमेरिका को जबाव देने की मांग
इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्रंप की चेतावनी के बाद ट्वीट करते हुए कहा कि ‘मित्रों’ में प्रतिशोध की भावना? भारत को सभी देशों की सहायता के लिए तैयार रहना चाहिए लेकिन सबसे पहले जान बचाने की सभी दवाइयाँ और उपकरण अपने देश के कोने-कोने तक पहुँचना अनिवार्य है.