India's First SC-ST IAS Officer: जानिए देश के पहले SC-ST आईएएस की कहानी

संघ लोक सेवा आयोग के लिए हर साल लगभग 10 लाख लोग फार्म भरते हैं लेकिन सफल केवल 1 हजार के आस-पास ही होते हैं. इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस परीक्षा में सक्सेस रेट कितना कम है.

संघ लोक सेवा आयोग के लिए हर साल लगभग 10 लाख लोग फार्म भरते हैं लेकिन सफल केवल 1 हजार के आस-पास ही होते हैं. इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस परीक्षा में सक्सेस रेट कितना कम है.

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Vikas Kumar
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India's First SC-ST IAS Officer: जानिए देश के पहले SC-ST आईएएस की कहानी

India's First SC-ST IAS Officer

India's First SC-ST IAS Officer: Union Public Service Commission यानि कि संघ लोक सेवा आयोग के लिए हर साल लगभग 10 लाख लोग फार्म भरते हैं लेकिन सफल केवल 1 हजार के आस-पास ही होते हैं. इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस परीक्षा में सक्सेस रेट कितना कम है. यूनियन पब्लिक सर्विस के सिविल सर्विस एग्जाम की तैयारी करना तपस्या करने के जैसा ही है और ऐसी तपस्या जिसमें मन लगाकर और एकाग्र होकर ही सफलता पाई जा सकती है. आज हम आपको बताने जा रहे हैं देश के पहले SC-ST IAS ऑफिसर के बारे में.

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26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू होने के बाद UPSC ने इसी साल पहला यूपीएससी सिविल सर्विस (UPSC Civil Services Exam) का आयोजित किया था. इस एग्जाम या परीक्षा में करीब 3,647 ने हिस्सा लिया था.

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लेकिन यूपीएससी की पहली रिपोर्ट ने एससी-एसटी प्रतिभागियों की संख्या नहीं पब्लिक की थी. लेकिन ये बताया था कि अचूतानंद दास देश के पहले sc केंडिडेट, IAS बने थे. उन्होंने लिखित परीक्षा में टॉप किया था. लेकिन इंटरव्यू में उन्हें सबसे कम नंबर आए.
इस परीक्षा में तीन कैंडीडेट के बीच में टक्कर थी

  • अचूतानंद दास West Bengal से थे और उन्होंने लिखित एग्जाम में 1050 में से 609 नंबर (58%) पाए थे.
  • Madras के एन कृष्नन ने लिखित एग्जाम में 602 नंबर (57.33%) पाए थे. और इंटरव्यू में इन्हें 300 में से 260 नंबर मिले (86.66%) थे.
  • West Bengal के ही एक और प्रतिभागी अनिरुद्ध दासगुप्ता ने इंटरव्यू में बेहद अच्छा परफॉर्म किया था.

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हालांकि इंटरव्यू में क्या सवाल पूछे गए, उनकी सूची UPSC ने पब्लिक जारी नहीं की गई. कहा जाता है कि लिखित एग्जाम में सबसे ज्यादा नंबर लाने वाले अचूतानंद को उनकी जाति की वजह से इंटरव्यू में कम नंबर दिए गए और अगर ऐसा न होता तो आजाद भारत का पहला IAS टॉपर एक अनुसूचित जाती वाला व्यक्ति बनता.

लिखित एग्जाम में अचूतानंद और एन कृष्नन के नंबरों में सिर्फ 7 नंबर का अंतर था. और इस बात ने सभी को चौंका दिया था कि कृष्नन को इंटरव्यू में अचूतानंद की तुलना में दोगुने से भी ज्यादा नंबर दिए गए थे. लेकिन अनिरुद्ध दासगुप्ता ने Interview में इन दोनों से ज्यादा नंबर पाए थे. तीनों Candidates के सारे नंबर आने के बाद, कृष्नन ने टॉप किया था. अनिरूद्ध दासगुप्ता को 22वीं और अचूतानंद को 48वीं रैंक मिली थी.

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बता दें कि इंडियन एडमिनिस्ट्रैटिव सर्विस यानी IAS ऑफिसर बनने के लिए UPSC (संघ लोक सेवा आयोग) का एग्जाम क्लियर करना पड़ता है. इस एग्जाम की तीन स्टेज होती है. पहली स्टेज में Preliminary एग्जाम होता है. दूसरी स्टेज Main एग्जाम है, इस एग्जाम में नौ पेपर होते हैं.. एग्जाम की तीसरी स्टेज Personality Test (इंटरव्यू) होता है.

HIGHLIGHTS

  • जानें देश के पहले एससी-एसटी आईएएस की कहानी.
  • आखिर क्यों नहीं पा सका सफलता जबकि लिखित परीक्षा में थे अच्छे नंबर्स. 
  • संघ लोक सेवा आयोग के लिए हर साल लगभग 10 लाख लोग फार्म भरते हैं लेकिन सफल केवल 1 हजार ही होते हैं.

Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो

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