logo-image

ऑक्सीजन की कमी से निपटने के लिए आगे आए भारतीय तकनीकी दिग्गज, निकाला ये उपाय

गोयल ने ट्वीट करते हुए कहा कि उनकी नॉन-प्रॉफिट पहल जोमैटो फीडिंग इंडिया के तहत वह ऑक्सीजन सप्लाई से लेकर संबंधित अस्पतालों और जरूरतमंद परिवारों की मदद के लिए आगे आए हैं.

Updated on: 25 Apr 2021, 07:42 PM

highlights

  • ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए दिग्गजों की मुहिम
  • पेटीएम संस्थापक विजय शेखर ने ऑक्सीजन की कमी पर किया ट्वीट
  • जोमैटो के सीईओ दीपेंदर गोयल ने भी मुहिम में दिखाई तेजी किया ट्वीट

नयी दिल्ली:

भारत में पिछले कई सप्ताह से कोरोनावायरस के मामलों में भारी वृद्धि हुई है. देश भर में विशेषकर राष्ट्रीय राजधानी में दो सप्ताह से ऑक्सीजन की कमी के बाद कई प्रौद्योगिकी दिग्गज नागरिकों की मदद के लिए आगे आए हैं. पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर ने रविवार को एक ट्वीट करते हुए कहा कि वह स्वयं के खर्चे पर ऑक्सीजन की आपूर्ति में सहायता कर रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने अन्य लोगों से भी ऑक्सीजन की कमी के बीच इसकी सप्लाई सुचारू रूप से कराने में अपना योगदान देने की अपील की है. विजय शेखर ने लोगों द्वारा ऑक्सीजन सप्लाई के लिए दान करने को लेकर पेटीएम से जुड़ा एक लिंक भी साझा किया है.

फूडटेक प्लेटफॉर्म जोमैटो ने बुधवार को कोविड-19 के बीच आपात स्थितियों से निपटने के लिए ऑक्सीजन सप्लाई और अस्पतालों की मदद करने की बात ट्विटर पर साझा की थी. जोमैटो के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) दीपिंदर गोयल ने कोरोना के बीच इमरजेंसी सेवाओं की, जिसमें ऑक्सीजन की सप्लाई भी शामिल है, ट्विटर पर घोषणा की. गोयल ने ट्वीट करते हुए कहा कि उनकी नोन-प्रॉफिट पहल जोमैटो फीडिंग इंडिया के तहत वह ऑक्सीजन सप्लाई से लेकर संबंधित अस्पतालों और जरूरतमंद परिवारों की मदद के लिए आगे आए हैं.

यह भी पढ़ेंःदिल्‍लीः कोरोना ने मचाया हाहाकार, श्‍मशान में नहीं जगह पार्क में हो रहा अंतिम संस्कार

उन्होंने इस संकट की घड़ी में अपना योगदान देने के लिए स्टार्ट-अप और अन्य कंपनियों से भी मदद का आह्रान किया. वहीं पिछले साल शुरू किए गए फीड द डेली वेजेर अभियान के तहत, जोमैटो ने उन गरीबों के लिए 7.8 करोड़ भोजन वितरित किए, जो अपनी आजीविका खो चुके थे. कोविद की दूसरी लहर अधिक घातक बन गई है, क्योंकि इस बार अधिक से अधिक लोगों को सांस फूलने की शिकायत है और उन्हें ऑक्सीजन के समर्थन की आवश्यकता है. शहरों में ऑक्सीजन सिलेंडर की मांग में अचानक वृद्धि के कारण स्थिति भयावह हो चुकी है.

यह भी पढ़ेंः85% कोरोना मरीजों को ऑक्सीजन-रेमडेसिविर की जरूरत नहीं : रणदीप गुलेरिया

दिल्ली के कई बड़े अस्पताल बार-बार ऑक्सीजन की कमी की शिकायत कर रहे हैं. वह ऐसे अलार्म एसओएस संदेश भेज रहे हैं, जिनमें बताया जा रहा है कि उनके पास ऑक्सीजन की भारी कमी है. दिल्ली के अलावा, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश के अस्पतालों को भी ऑक्सीजन की कमी का सामना करना पड़ रहा है. प्रौद्योगिकी गुरु और उद्यमी विनोद खोसला ने एक ट्वीट में कहा है कि वह भारत के उन अस्पतालों को मदद देने के लिए तैयार हूं, जिन्हें ऑक्सीजन आपूर्ति बढ़ाने की जरूरत है.

यह भी पढ़ेंःभारत बायोटेक ने कोवैक्सीन के मूल्य निर्धारण की घोषणा के बाद बहस शुरु

बहुत से लोग अपने दोस्तों और परिवार के लिए ऑक्सीजन या अस्पताल में बिस्तर पाने के लिए सोशल मीडिया का भी रुख कर रहे हैं. इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश भर में चिकित्सा ऑक्सीजन और ऑक्सीजन सिलेंडर की भारी कमी से निपटने के लिए अग्रणी ऑक्सीजन प्रोड्यूसर्स के साथ एक आभासी बैठक की है. भारत में रविवार को 349,691 नए कोरोनावायरस मामले सामने आए हैं. जिसके बाद यहां अब कुल 1,69,60,172 संक्रमण के मामले हो चुके हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, रविवार को कुल 2,767 लोगों की मौत हो गई, जिसके बाद अब देश में संक्रमण की वजह से जान गंवाने वाले लोगों की कुल संख्या 192,311 हो गई है.