मोदी सरकार रेलवे में अब तक का सबसे बड़ा बदलाव करने जा रही है. रेलवे में बड़ा रिफॉर्म करते हुए मौजूदा सिस्टम को पूरी तरह बदलने का फैसला किया गया है. हाल में हुई कैबिनेट की बैठक में कई फैसले लिए गए हैं. अब नए रेलवे बोर्ड में पांच मेंबर में चेयरपर्सन भी शामिल होंगे. ये चेयरपर्सन सीईओ की तरह काम करेंगे. इससे पहले बोर्ड में 8 मेंबर होते थे.
पूरी तरह बदल जाएगा काम करने की तरीका
रेलवे मैनेजमेंट सर्विस के तहत एकीकृत सिस्टम पर अब काम करेगा. सरकार की ओर से जो नया बोर्ड बनाया जा रहा है उसमें ऑपरेशन, बिजनेस डिवेलपमेंट, ह्यूमेन रिसोर्सेज, इन्फ्रास्ट्रक्चर और फाइनेंस से जुड़े सदस्य होंगे. दरअसल सरकार के पास पिछले काफी समय से सुझाव आ रहे थे कि अलग-अलग शाखा रहने के कारण आपस में बेहतर तरीके से तालमेल नहीं हो पाता है. इससे कारण रेलवे को अपने प्रोजेक्ट पूरे करने में कई तरह की परेशानियां सामने आती हैं.
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114 साल पुरानी व्यवस्था होगी खत्म
रेलवे में 1905 से चली आ रही अपनी व्यवस्था को खत्म करने का फैसला किया है. अभी तक की व्यवस्था के तहत रेलवे बोर्ड में 8 सदस्य होते थे. इनमें बोर्ड का चेयरमैन फर्स्ट एमंग इक्वल्स होता था. सरकार ने अब इस व्यवस्था को खत्म करने का फैसला लिया है. अब जो नया सिस्टम बनाया जा रहा है. उसमें चेयरमैन सीईओ की तरह काम करेगा और सभी तरह के मामलों में वह फाइनल अथॉरिटी होगा. नए बोर्ड में चेयरमैन के अलावा भी 4 सदस्य भी होंगे जो फाइनेंस, ऑपरेशंस एंड बिजनस डिवेलपमेंट, इन्फ्रास्ट्रक्चर और रोलिंग स्टॉक पोर्टफोलियो को देखेंगे. इसके साथ ही नई व्यवस्था में एक ह्यूमन रिसोर्स का डायरेक्टर जनरल होगा जो चेयरमैन व सीईओ को रिपोर्ट करेगा. इसके साथ ही बोर्ड में कुछ इंडिपेंडेंट मेंबर भी होंगे जो फाइनेंस, इंडस्ट्री और मैनेजमेंट के क्षेत्र के जाने-माने नाम होंगे. रेलवे बोर्ड अब बहुत हद तक कॉर्पोरेट कंपनी के बोर्ड की तरह होगा.
HIGHLIGHTS
- रेलवे में होगा अब तक का सबसे बड़ा बदलाव, 8 सर्विसेज का होगा विलय
- अब रेलवे के सभी काम इंडियन रेलवे मैनेजमेंट सर्विस के तहत होंगे
- इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल काडर को भी एक में किया गया शामिल
Source : News Nation Bureau