रेलवे के 32 अधिकारी अपने तय समय से पहले रिटायर होंगे. रेलवे ने इन्हें तय तारीख से पहले रिटायर करने का फैसला किया है. यह असामान्य कदम पब्लिक इंटरेस्ट को देखते हुए उठाया गया है. रेलवे का यह कहना है. रेलवे ने बताया कि काम को लेकर असक्षमता, संदिग्ध गुटबाजी भ्रष्टाचार और अच्छा रेलवे सेवक न होने की वजह से कड़ा फैसला किया गया है.
सेंट्रल सिविल सर्विसेज (पेंशन) 1972 के नियम में कहा गया है कि 30 साल की सेवा पूरी कर चुके या 50 की उम्र पार कर चुके अधिकारियों की सेवा सरकार समीक्षा के आधार पर समाप्त कर सकती है. इसके लिए सरकार को नोटिस देना होगा और तीन महीने का वेतन भत्ता भी देना होगा. अक्षमता या अनियमितता के आरोपों के बाद यह समीक्षा की जाती है.
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गौरतलब है कि सरकार के पास जबरन रिटायरमेंट देने का विकल्प दशकों से है लेकिन अब तक इसका इस्तेमाल बहुत कम ही किया गया है. हालांकि वर्तमान सरकार इन नियमों को सख्ती से लागू करने में जुटी है. इस नियम में अब तक ग्रुप ए और बी के अधिकारी ही शामिल थे लेकिन अब ग्रुप सी के अधिकारियों को भी इसके दायरे में लाया गया है. केंद्र सरकार ने अब सभी केंद्रीय संस्थानों से मासिक रिपोर्ट मांगना शुरू किया है.
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बता दें कि इससे पहले वित्त मंत्रालय ने 12 सीनियर अधिकारियों को जबरन रिटायर कर दिया था. इसके बाद 15 और कर अधिकारियों को छुट्टी दे दी गई थी.इसके बाद यूपी सरकार में भी सैकड़ों अधिकारियों को जबरन रिटायर कर दिया गया.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो