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भारतीय दूतावास के अधिकारियों को समय रहते पता चली ISI की साजिश, फेल किया 'हनीट्रैप' का प्लान

इस्लामाबाद के भारतीय दूतावास में तैनात अधिकारियों ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के 'हनीट्रैप' की साजिश को सिरे से नाकाम कर दिया है।

Updated on: 17 Dec 2017, 01:31 PM

highlights

  • इस्लामाबाद के भारतीय दूतावास में तैनात अधिकारियों ने आईएसआई के 'हनीट्रैप' की साजिश को सिरे से नाकाम कर दिया है
  • आईएसआई ने भारतीय अधिकारियों को फंसाने के लिए 'हनीट्रैप' का जाल बिछाया था, लेकिन उनका यह मंसूबा फेल हो गया

नई दिल्ली:

इस्लामाबाद के भारतीय दूतावास में तैनात अधिकारियों ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के 'हनीट्रैप' की साजिश को सिरे से नाकाम कर दिया है। 

आईएसआई ने भारतीय अधिकारियों को फंसाने के लिए 'हनीट्रैप' का जाल बिछाया था, लेकिन उनका यह मंसूबा पूरा होने से पहले फेल हो गया।

अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक दूतावास में तैनात इन सभी अधिकारियों को इस हफ्ते की शुरुआत में भारत वापस बुलाया जा चुका है और उनसे पूछताछ की जा रही है।

अधिकारियों ने समय रहते आईएसआई के इस 'हनीट्रैप' की योजना को भांप लिया और अपने सीनियर को इसकी जानकारी दे दी।

सुरक्षा के लिहाज से इन अधिकारियों के नाम को सार्वजनिक नहीं किया गया है।

खबर के मुताबिक इन अधिकारियों को किसी गलती के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया गया है और वह जांच को आगे बढ़ाने में अपनी मदद दे रहे हैं।

'हनीट्रैप' में में अक्सर दूसरे देशों के राजनयिकों को महिलाओं के साथ यौन संबंधों के जाल में फंसाया जाता है। एक बार ऐसा होने पर संबंधित अधिकारी को ब्लैकमेल या उसे अपने वश में कर खुफिया जानकारी निकवाई जाती है। राजनयिक स्तर पर जासूसी का यह बेहद और सफल तरीका है।

अंग्रेजी अखबार की खबर के मुताबिक इन अधिकारियों को अब फिर से पाकिस्तान में पोस्टिंग दिए जाने की संभावना न के बराबर है।

मौजूदा मामले में भारतीय अधिकारियों को बहुत जल्द ही आईएसआई की खतरनाक साजिश का पता चल गया और उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी जानकारी दे दी। जिसके बाद इन सभी को तत्काल दिल्ली बुला लिया गया।

संबंधित अधिकारी दूतावास में भाषा विभाग में काम कर रहे थे और उनके ऊपर दस्तावेजों के अनुवाद की जिम्मेदारी थी। इन सभी अधिकारियों को महिलाओं द्वारा होटल में बुलाने की कई कोशिश की गई।

अखबार ने सूत्रों के हवाले से लिखा है, 'अधिकारियों को यौन जाल में फंसाने और उनका फिल्म बनाने की कोशिश की गई।'

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