Indian Navy: हिंद महासागर और अरब सागर में भारतीय नौसेना ने अपनाया आक्रामक रुख, जानें क्या है योजना 

MV Chem Pluto: भारतीय नौसेना को 7516 किलोमीटर से अधिक के समुद्री तटीय इलाकों की निगरानी करनी होती है. इस दौरान कॉमर्शियल जहाजों को विद्रोहियों और दुश्मन देशों के हमले से बचाना होता है.

MV Chem Pluto: भारतीय नौसेना को 7516 किलोमीटर से अधिक के समुद्री तटीय इलाकों की निगरानी करनी होती है. इस दौरान कॉमर्शियल जहाजों को विद्रोहियों और दुश्मन देशों के हमले से बचाना होता है.

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Mohit Saxena
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MV Chem Pluto

MV Chem Pluto ( Photo Credit : social media)

भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने MV Chem Pluto पर हूती विद्रोहियों के हमले बाद से आक्रामक रुख अपना लिया है. उसने अरब सागर में तीन जंगी जहाज तैनात कर दिए हैं. INS Mormugao, INS Kochi और INS Kolkata को यहां पर लगाया गया है. तीनों गाइडेड मिसाइल से लैस हैं. इसके साथ PI-8 विमान भी भेजे गए हैं ताकि समंदर पर आसमान से निगरानी की जा सके. भारत के अंतगर्त सिर्फ अरब सागर, लाल सागर या अदन की खाड़ी की नहीं है. उसे 7516 किलोमीटर से अधिक के समुद्री तटीय इलाकों की निगरानी करनी होती है. इस दौरान कॉमर्शियल जहाजों को विद्रोहियों और दुश्मन देशों के हमले से बचाना होता है. ऐसे में अपनी मजबूत मौजूदगी को दिखाना होता है. 

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वहीं दूसरी ओर हिंद महासागर के पूर्वी भाग में भारतीय नौसेना के INS Kulish और एंफिबियस जंगी जहाज LCU 56 थाईलैंड की नौसेना के साथ युद्धाभ्यास के लिए पहुंचे हैं. इसके साथ बैंकॉक में हुए IONS यानी इंडियन ओशन नेवल सिंपोजियम के वक्त INS Kadmatt में नौसेना प्रमुख आर. हरि कुमार शामिल हुए . इस यात्रा का मतलब हिंद महासागर में चीन की ओर से किसी तरह की हरकत न हो.. 

अरब सागर में हूती विद्रोहियों को करारा जवाब देने से पहले आईएनएस कोच्चि और आईएनएस कोलकाता को अदन की खाड़ी में तैनात किया था. बाद में विशाखापट्टनम क्लास स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर आईएनएस मोरमुगाओ को भी भेजा गया. 

21 भारतीय और एक वियतनामी क्रू सदस्य मौजूद हैं

MV Chem Pluto 25 दिसंबर को मुंबई पहुंचा है. वह समुद्र में एंकर डाल कर खड़ा है. इसमें 21 भारतीय और एक वियतनामी क्रू सदस्य मौजूद हैं. ऐसा बताया जा रहा है किसी छोटे ड्रोन से यह हमला किया गया था. मगर भारतीय नौसेना की ऑर्डिनेंस डिस्पोजल टीम ने आरंभिक जांच में बताया कि यह किसी छोटे ड्रोन से किया गया हमला नहीं है. यह किसी बड़े ड्रोन या मिसाइल के हमले जैसा है. अरब सागर में व्यापारिक जहाज पर ड्रोन हमले की जांच हो रही है. ड्रोन के टुकड़े और जहाज के टुकड़ों की जांच हो रही है. इस मामले में कई एजेंसियां काम कर रही हैं. इसमें नौसेना की एक्सप्लोसिव ऑर्डिनेंस टीम को भी जोड़ा गया है. अभी इस हमले को लेकर कई तरह की एजेंसियां जांच करने वाली हैं. बाद में इसका सामान  दूसरे जहाज में ​स्थानांतरित किया जाएगा. 

Source : News Nation Bureau

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