अब भारत की मुस्लिम महिलाओं को बिना ‘मेहरम’ यानि किसी पुरुष रिश्तेदार के हज यात्रा करने की अनुमति होगी। इस बात की जानकारी अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने दी है।
मक्का में सोमवार को नकवी व सऊदी अरब के हज एवं उम्रा मंत्री डॉ. मुहम्मद बेन्तेन के बीच मुलाकात हुई। इस मुलाकात में हज 2018 के सम्बन्ध में द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किया गया।
नक़वी ने एक ट्वीट में बताया कि सउदी अरब समंदर के रास्ते हज करने के विकल्प की बहाली के भारत के फ़ैसले पर सहमत हो गया है। दोनों देशों के अधिकारी इस मामले में तमाम औपचारिकताओं पर चर्चा करने के लिए बैठक करेंगे ताकि ये सुविधा आने वाले सालों में फिर शुरु की जा सके। समंदर मार्ग से हज यात्रा करना काफी सस्ता होगा।
पहले मुंबई से जेद्दाह हज के लिए समंदर मार्ग से जाते थे जो सुविधा 1995 में बंद कर दी गई थी।
भारत सरकार ने इस शर्त को हटाया कि हज के लिए जाने वाली महिलाओं के साथ पुरुष का होना आवश्यक है। इसके साथ सरकार ने दो शर्तें जरूर रखी पहली कि हज जाने वाली महिला के ग्रुप में कम से कम चार महिलाएं जरूर हों और दूसरी की समूह में शामिल सभी महिलाएं 45 वर्ष की हो।