Monsoon forecast: मौसम विभाग ने की भविष्यवाणी, जानें कितने फीसदी होगी देश में बारिश

विभाग के अनुसार इस साल मानसून सामान्य के करीब रहेगा.

author-image
yogesh bhadauriya
एडिट
New Update
Monsoon forecast: मौसम विभाग ने की भविष्यवाणी, जानें कितने फीसदी होगी देश में बारिश

मौसम विभाग ने सोमवार को मॉनसून को लेकर अपना पूर्वानुमान जारी किया है.

भारतीय मौसम विभाग ने सोमवार को मॉनसून को लेकर अपना पूर्वानुमान जारी किया है. विभाग के अनुसार इस साल मानसून सामान्य के करीब रहेगा. मौसम विभाग ने इस साल मानसून के पूर्वानुमान कई भागों में बांटा हैं. मौसम विभाग ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि इस साल सामान्य के 96 फीसदी बारिश होगी. वहीं विभाग ने जानकारी देते हुए कहा, इस साल अलनीनो बनने का असर नहीं होगा. इसके पहले आशंका थी कि अलनीनो की वजह से मानसून पर असर पड़ सकता है. मौसम विभाग मानसून का अगला अपडेट जून के पहले हफ्ते में देगा.

Advertisment

बात करें पिछले साल की तो देश में पिछले साल बारिश की स्थिति अच्छी नहीं थी, ऐसे में मौसम विभाग की भविष्णवाणी पर सबकी निगाहें टिकी हुई थीं. मौसम विभाग ने पिछले दिनों अपने बयान में कहा था कि इस साल देश के कुछ में हिस्सों में मई-जून के बीच तापमान में 0.5 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ोतरी हो सकती है.

क्या है अच्छा मानसून- 

सामान्य, औसत या फिर अच्छे मानसून का मतलब है कि 50 साल की लंबी अवधि के औसत का लगभग 96 फीसदी से 104 फीसदी बारिश का होना. 50 साल में औसत बारिश चार महीनों के मानसून के दौरान 89 सेंटीमीटर अथवा 35 इंच रही है. अच्छे मानसून की यह परिभाषा मौसम विभाग द्वारा दी गई है. वहीं 90 फीसदी से कम बारिश देश में सूखे की स्थिति रहती है.

महंगाई पर लगेगी लगाम- 

अच्छे मानसून से जहां देश के कई आर्थिक आंकड़ों में सुधार दर्ज होगा, वहीं इस दौरान सरकार को महंगाई के क्षेत्र में भी बड़ी राहत देखने को मिलेगी.

इकोनॉमी पर मानसून का असर- 

मानसून का सीधा असर ग्रामीण आबादी पर पड़ता है. मानसून सामान्य और अच्छा रहने से ग्रामीण इलाकों में लोगों की आय बढ़ती है, जिससे मांग में भी तेजी आती है. ग्रामीण इलाकों में आय बढ़ने से इंडस्ट्री को भी फायदा मिलता है.

बैंकिंग को मिलेगी मजबूती- 

अच्छे मानसून से देश में बैंकिंग व्यवस्था को मजबूती मिलती है. देश में ज्यादातर किसान खरीफ फसल के लिए कर्ज की व्यवस्था सरकारी, को-ऑपरेटिव अथवा ग्रामीण बैंकों से करते हैं. मानसून बेहतर होने की स्थिति में इन बैंकों को कर्ज पर दिया पैसा वापस मिलने की गारंटी रहती है और उन्हें अपने एनपीए को काबू करने में मदद मिलती है. वहीं किसानों की बढ़ी आमदनी से भी बैंकों को अपनी ग्रामीण शाखाओं के खाते में अच्छी सेविंग्स मिलती है जिससे गैर-कृषि क्षेत्र को नया कर्ज देने का काम आसान हो जाता है.

Source : News Nation Bureau

Rain Indian Meteorological Department monsoon
      
Advertisment