भारतीय मीडिया कर रही गलत रिपोर्टिंग? रूसी दूतावास ने क्यों दी ये नसीहत?

नई दिल्ली स्थित रूसी दूतावास ने अपने ट्वीट में कहा है कि रूस की सेना यूक्रेन की तरह प्रतिबंधित हथियारों का इस्तेमाल नहीं करती है और न ही नागरिकों को अपनी ढाल बनाती है. यही नहीं, रूसी की सेना लड़ाई में...

नई दिल्ली स्थित रूसी दूतावास ने अपने ट्वीट में कहा है कि रूस की सेना यूक्रेन की तरह प्रतिबंधित हथियारों का इस्तेमाल नहीं करती है और न ही नागरिकों को अपनी ढाल बनाती है. यही नहीं, रूसी की सेना लड़ाई में...

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Shravan Shukla
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प्रतीकात्मक तस्वीर( Photo Credit : RusEmbIndia)

यूक्रेन संकट की वजह से हिंदुस्तान में हर आम-ओ-खास आज रूस की बात कर रहा है. यूक्रेन की बात कर रहा है. सेना की बात कर रहा है. मिसाइलों की बात कर रहा है. फाइटर जेट्स की बात कर रहा है. टैंक की बात कर रहा है, लड़ाकू हेलीकॉप्टर और स्पेशल फोर्स की बात कर रहा है. और नजर ट्विटर पर डालें तो यूक्रेन-रूस युद्ध से जुड़े वीडियो हर तरफ फैले हुए हैं. मीडिया चैनलों पर नजर डालें तो चुनाव और युद्ध, ये दो बातें हैं, जो हर स्क्रीन पर दिखेंगी. यूक्रेन से भागते लोग और तबाही की तस्वीरें भी. ये तस्वीरें एकतरफा हैं या नहीं, अब इस मुद्दे पर बहस छेड़ने की कोशिश की है भारत स्थित रूस के दूतावास ने, जिसने भारतीय मीडिया को कथित तौर पर नसीहत देते हुए ट्वीट किया है कि 'डियर भारतीय मीडिया, प्लीज एक दम सटीक जानकारी ही परोसें.' हालांकि यहां शब्दश: ट्वीट का अनुवाद नहीं किया गया है, लेकिन मोटा-मोटी बात यही है.

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नई दिल्ली स्थित रूसी दूतावास ने अपने ट्वीट में कहा है कि रूस की सेना यूक्रेन की तरह प्रतिबंधित हथियारों का इस्तेमाल नहीं करती है और न ही नागरिकों को अपनी ढाल बनाती है. यही नहीं, रूसी की सेना लड़ाई में बंधक बनाए गए सैनिकों (युद्ध बंदियों) के साथ भी अच्छा बर्ताव करती है. अगर इसके अलावा कुछ लिखा जा रहा है, तो वो भ्रामक है. रूस ने कहा, यूक्रेन में सभी न्यूक्लियर साइट्स सुरक्षित हैं और आएईए ने भी पुष्टि की है कि सभी साइट्स सुरक्षित हैं. रूस की तरफ से वार्ता और समझौते की कोशिशें लगातार की जा रही हैं.

भारत में रूस के दूतावास ने यूक्रेन संकट पर भारतीय मीडिया की कवरेज को लेकर लगातार कई ट्वीट्स किए हैं. भारत स्थित रूसी दूतावास ने ट्वीट में लिखा, 'रूस ने यूक्रेन और यूक्रेन के लोगों के खिलाफ युद्ध शुरू नहीं किया, बल्कि यूक्रेन से पश्चिमी देशों की सेना को हटाने, उसे नाजीकरण से मुक्त करने और डान्बस में यूक्रेन द्वारा जारी 8 साल के युद्ध को खत्म करने के लिए विशेष सैन्य ऑपरेशन शुरू किया है.'

बता दें कि बेलारूस की सीमा पर यूक्रेन और रूसी प्रतिनिधिमंडल के बीच बातचीत बेनतीजा खत्म हो गई. ये बातचीत तीन घंटे तक चली, लेकिन निर्णायक बिंदु तक नहीं पहुंच सकी. इस बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर और फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों के बीच करीब 1.30 घंटे तक बातचीत हुई, जिसमें पुतिन ने सीजफायर के लिए तीन शर्तें रखी हैं. 

शर्त नंबर 1: क्रीमिया पर रूस के कब्जे को अंतर्राष्ट्रीय मंजूरी दी जाए
शर्त नंबर 2: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को सत्ता से हटाया जाए
शर्त नंबर 3: यूक्रेन NATO से दूर रहे, उसे नेटो में शामिल न किया जाए.

HIGHLIGHTS

  • भारत में रूस के दूतावास ने दी भारतीय मीडिया को नसीहत
  • सही तथ्यों पर हो रिपोर्टिंग
  • भारतीय मीडिया कर रही यूक्रेन युद्ध की जोरदार रिपोर्टिंग

Source : Shravan Shukla

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