देश की न्यायिक प्रक्रिया गरीबों की पहुंच से बाहर हुई, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी माना

गरीब आदमी के लिए सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट तक पहुंच स्थापित करना बहुत मुश्किल हो गया है. ऐसी स्थिति में देश के लोगों को सस्ता और त्वरित न्याय प्रदान करने के लिए सामूहिक प्रयास करने होंगे.

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Nihar Saxena
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देश की न्यायिक प्रक्रिया गरीबों की पहुंच से बाहर हुई, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी माना

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद.( Photo Credit : न्यूज स्टेट)

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को कहा कि न्यायिक प्रक्रिया बहुत महंगी हो गई है. उन्होंने साफतौर पर कहा कि गरीब आदमी के लिए सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट तक पहुंच स्थापित करना बहुत मुश्किल हो गया है. ऐसी स्थिति में देश के लोगों को सस्ता और त्वरित न्याय प्रदान करने के लिए सामूहिक प्रयास करने होंगे. हमारे देश में अतीत में राजाओं और बादशाहों से न्याय पाने के लिए कोई भी व्यक्ति उनके निवास के बाहर घंटी बजा सकता था और न्याय पा सकता था, लेकिन अब स्थिति बदल गई है. वह शनिवार को यहां राजस्थान हाईकोर्ट की नई इमारत का उद्घाटन करते हुए बोल रहे थे.

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मुफ्त कानूनी सहायता का दायरा बढ़े
उन्होंने कहा, 'इसके अलावा गरीबों और वंचितों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करने का दायरा भी व्यापक करना होगा.' उन्होंने राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीशों से आग्रह किया कि दिए गए निर्णयों की जानकारी हिंदी में उपलब्ध कराई जाए. उन्होंने कहा कि उच्चतम तकनीक का उपयोग करते हुए सुप्रीम कोर्ट नौ भाषाओं में अपने निर्णयों के बारे में जानकारी दे रहा है.

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प्राचीन काल में न्याय आसान था
राष्ट्रपति ने कहा कि सत्य हमारे गणतंत्र की नींव बनाता है और संविधान ने न्यायपालिका को सत्य की रक्षा की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है. उन्होंने कहा, 'ऐसी स्थिति में न्यायपालिका की जिम्मेदारी बढ़ जाती है. हमारे देश में अतीत में राजाओं और बादशाहों से न्याय पाने के लिए कोई भी व्यक्ति उनके निवास के बाहर घंटी बजा सकता था और न्याय पा सकता था, लेकिन अब स्थिति बदल गई है.'

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सभी को सुलभ हो सस्ता न्याय
राष्ट्रपति ने कहा, 'न्यायिक प्रणाली बहुत महंगी हो गई है. देश के किसी भी गरीब व्यक्ति के लिए हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच स्थापित करना मुश्किल हो गया है. ऐसी स्थिति में हम सभी की जिम्मेदारी है कि देश के प्रत्येक नागरिक की सस्ते न्याय तक पहुंच हो. सभी को इस दिशा में प्रयास करने होंगे.' राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि राजस्थान हाई कोर्ट के नए भवन को एक सुंदर डिजाइन के साथ पूरा किया गया है. उन्होंने कहा, 'जोधपुर में बार और बेंच की बहुत समृद्ध परंपरा है. इस परंपरा को आगे ले जाने की जिम्मेदारी अब युवा पीढ़ी के पास है.'

HIGHLIGHTS

  • राजस्थान हाईकोर्ट की नई इमारत का उद्घाटन करते समय कही बात.
  • राजाओं और बादशाहों से न्याय पाने की प्रक्रिया कहीं थी सरल.
  • हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक गरीबों की पहुंच बहुत मुश्किल से.

Source : News Nation Bureau

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