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भारत में रूसी वैक्‍सीन स्‍पूतनिक लाइट के तीसरे चरण के ट्रायल को नहीं मिली अनुमति

भारत में रूसी वैक्‍सीन स्‍पूतनिक लाइट के तीसरे चरण के ट्रायल को नहीं मिली अनुमति

Updated on: 01 Jul 2021, 08:45 PM

highlights

  • कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक लाइट को भारत में तीसरे चरण के ट्रायल की अनुमति नहीं मिली
  • डॉक्टर रेड्डी लैब ने वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल के लिए ड्रग रेगुलेटरी से अनुमति मांगी थी
  • स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा देश में अब तक कुल 33,57,16,019 लोगों को टीका लगाया गया है

 

नई दिल्ली:

कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए रूस द्वारा विकसित की गई कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक लाइट को भारत में तीसरे चरण के ट्रायल की अनुमति नहीं मिली है. आपको बता दें कि डॉक्टर रेड्डी लैब ने वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल के लिए भारत में ड्रग रेगुलेटरी बॉडी से अनुमति मांगी थी, लेकिन उसको ठुकरा दिया गया. आपको बता दें कि इससे पहले भारत में रूस की ही कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक वी के आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी मिल चुकी है. दोनों वैक्सीन में अंतर यह है कि स्पूतनिक वी की दो खुराक और स्‍पूतनिक लाइट की केवल एक ही खुराक ही दी जानी हैं.

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गौरतलब है कि स्पूतनिक वी के बाद रूस ने सिंगल खुराक वाली स्पूतनिक लाइट को दुनिया के सामने प्रेजेंट किया था. रूसी हेल्थ मिनिस्ट्री के अनुसार इस वैक्सीन को गमेल्या नेशनल रिसर्च सेंटर ऑफ एपिडेमोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी ने डेवलप किया है. दरअसल, डॉक्टर रेड्डी लैब इसका ट्रायल कर देखना चाहती थी क इसमें कोरोना वायरस के विपरीत इम्यून सिस्टम कितना और कितनी तेजी से विकसित करने की क्षमता है. लेकिन इंडियन ड्रग रेगुलेटरी बॉडी ने इसको मंजूरी देने से इनकार कर दिया. 

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सूत्रों की मानें तो सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने स्पूतनिक लाइट के ट्रॉयल को अनुमति इस वजह से नहीं दी क्योंकि वो इसको कोई खास वैक्सीन नहीं मानते. आपको बता दें कि भारत में स्वदेशी कोवैक्सीन और कोविशील्ड के अलावा रूस की स्पूतनिक वी का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि देश में अब तक कुल 33,57,16,019 लोगों को टीका लगाया गया है, जिनमें 27,60,345 लोगों को पिछले 24 घंटों में टीका लगाया गया है. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के अनुसार, 29 जून तक कोविड 19 के लिए 41,20,21,494 नमूनों की जांच की जा चुकी है. इनमें से 19,21,450 नमूनों की जांच बुधवार को की गई.