भारत में घुसपैठ रोकने के लिए अब 'आकाश' से होगी पाकिस्तान-चीन सीमा की रखवाली

भारतीय सेना (Indian Army) चीन और पाकिस्तान से लगती सीमाओं के पहाड़ी रास्‍तों से होने वाली किसी भी घुसपैठ को रोकने के लिए आकाश मिसाइलें तैनात करेगी.

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Deepak Pandey
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भारत में घुसपैठ रोकने के लिए अब 'आकाश' से होगी पाकिस्तान-चीन सीमा की रखवाली

आकाश मिसाइल( Photo Credit : (फाइल फोटो))

भारतीय सेना (Indian Army) चीन और पाकिस्तान से लगती सीमाओं के पहाड़ी रास्‍तों से होने वाली किसी भी घुसपैठ को रोकने के लिए आकाश मिसाइलें तैनात करेगी. रक्षा मंत्रालय इंडियन आर्मी को इसकी मंजूरी देने पर विचार कर रहा है. इससे जुड़े 10,000 करोड़ रुपये के सेना के प्रस्‍ताव पर केंद्र सरकार चर्चा के लिए तैयार हो गई है. सेना इस रकम से आकाश मिसाइलों की दो रेजीमेंट्स का गठन कर 15,000 फीट की ऊंचाई पर तैनात करेगी. नई आकाश मिसाइलों का प्रदर्शन पिछली मिसाइलों के मुकाबले बेहतर होगा. इन्हें लद्दाख जैसे ऊंची जगहों पर तैनात किया जाएगा, ताकि पाकिस्तान और चीन से लगती सीमाओं की सुरक्षा की जा सके.

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सूत्रों के अनुसार, रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) सेना के 10,000 करोड़के प्रस्ताव पर चर्चा को तैयार हो गया है. इसके तहत आकाश प्राइम या बेहतर प्रदर्शन वाली आकाश मिसाइल की दो रेजीमेंट का गठन किया जाएगा. आकाश प्राइम मिसाइल सेना के पास मौजूद मिसाइल सिस्टम का अपग्रेडेड वर्जन होगी. इस पर सेनाध्यक्ष (Army Chief) जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat) और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) के लद्दाख से वापस आने पर सोमवार को रक्षा अधिग्रहण परिषद की बैठक में चर्चा होगी.

बता दें कि भारत में रक्षा अनुसंधान व विकास परिषद (DRDO) ने आकाश मिसाइल का निर्माण किया था. सुरक्षा बलों ने आकाश मिसाइल को सफल माना है. सेना के पास पहले से ही आकाश मिसाइल की दो रेजीमेंट हैं. वह दो नई रेजीमेंट का गठन करना चाहती है. दोनों नई रेजीमेंट को पाकिस्तान और चीन की सीमा पर तैनात किया जाएगा. सेना को मिसाइल सिस्टम को लेकर कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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इसका उत्पादन भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) और भारत डायनामिक्स लिमिटेड (BDL) करती हैं. पहले आकाश मिसाइल की दो रेजीमेंट के ऑर्डर को विदेशी कंपनियों को दिया जाना था, लेकिन केंद्र सरकार ने 'मेक इन इंडिया' के पक्ष में फैसला किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा संबंधी समिति (CCS) ने हाल में वायुसेना के लिए सतह से हवा में मिसाइल के सात स्क्वाड्रन खरीदने की अनुमति दी.

आकाश मिसाइल सिस्टम हर स्थिति में कारगर साबित होनी वाली मध्यम रेंज की जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल है. यह मिसाइल लड़ाकू विमान, क्रूज मिसाइल, हवा से जमीन में मार करने वाली मिसाइल और बैलास्टिक मिसाइलों को निशाना बना सकती है. आकाश मिसाइलें ध्वनि की गति से साढ़े तीन गुना तेजी के साथ लक्ष्‍य तबाह कर सकती हैं. विशेष रडार सिस्टम से लैस ये मिसाइलें एक साथ दुश्मनों के 40 लक्ष्‍यों को ट्रैक कर सकती हैं और सतह से हवा में 30 किमी दूरी पर दुश्‍मन के ठिकानों को नेस्‍तनाबूद कर सकती हैं.

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