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मोदी सरकार के इस काम से अब Indian Army को डोकलाम पहुंचने में लगेंगे महज 40 मिनट

अब भारतीय सेना पहले की तुलना में 6 घंटे 20 मिनट से भी कम समय लगेंगे.

Updated on: 03 Oct 2019, 04:55 PM

highlights

  • भारत सरकार ने डोकलाम में बनाई सड़क
  • अब सेना महज 40 मिनट में पहुंचेंगी डोकलाम
  • पहले भारतीय सेना को लगते थे 7 घंटे

नई दिल्‍ली:

मोदी सरकार ने सीमा सड़क संगठन (BRO) की मदद से वैकल्पिक भीम बेस-डोकला मार्ग सड़क (Bheem Base-Dokalam Road) बना ली है. इस सड़क के पूरी तरह से बन जाने के बाद से अब भारतीय सेना (Indian Army) का डोकलाम घाटी (Doklam Valley) पहुंचना पहले की तुलना में बहुत ही आसान हो गया है. इस सड़क के निर्माण से पहले पहले भारतीय सेना के जवानों को डोकलाम पहुंचने के लिए पहाड़ी पगडंडी पर 7 घंटों तक लगातार चढ़ाई करनी पड़ती थी. लेकिन अब भीम बेस-डोकला मार्ग निर्माण पूरी तरह से हो जाने के बाद से भारतीय सेना को डोकलाम पहुंचने में महज 40 मिनट का समय ही लगेगा. इसका मतलब हुआ कि अब भारतीय सेना पहले की तुलना में 6 घंटे 20 मिनट से भी कम समय लगेंगे.

डोकलाम विवाद में बढ़ा था दोनों देशों में तनाव
आपको बता दें कि पिछले दिनों डोकलाम घाटी में ही भारत (India) और चीन (China) की सेनाएं आमने-सामने आ गई थीं. जब लगातार 73 दिनों तक दोनों देशों के बीच तनाव बना रहा था बाद में आपसी बातचीत के बाद दोनों देशों ने अपनी-अपनी सेनाएं पीछे हटाईं. आपको बता दें कि डोकलाम घाटी में ही चीन (China) की चुंबी घाटी भी है. यहां भूटान (Bhutan) और भारत (India) की सीमाएं भी मिलती हैं.

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इस सड़क से बदल जाएंगे भारत-चीन सैन्‍य समीकरण
बताया जा रहा है कि डोकलाम घाटी में इस सड़क के निर्माण के बाद से भारत और चीन दोनों देशों के सैन्य समीकरणों में बदलाव आ सकता है. आपको बता दें कि साल 2015 में ही सीमा सड़क संगठन (BRO) ने इस सड़क के निर्माण की मंजूरी दे दी थी. उस समय भारतीय जवानों को डोकलाम घाटी तक पहुंचने में 7 घंटे का समय लगा था, जिसके बाद इस सड़क के निर्माण पर जोर दिया गया. बीआरओ ने मीडिया से बातचीत में बताया है कि उसने डोकलाम बेस तक जाने वाली सड़क का निर्माण कार्य पूरा कर लिया है. यह सड़क सिक्किम (Sikkim) के करीब डोकलाम घाटी में प्रवेश करती है. यह सड़क हर मौसम के लिए अनुकूल है साथ ही इसके जरिए वजनी सामान भी आसानी से ले जाया जा सकेगा.

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Indo-China बॉर्डर पर BRO बना चुका है 61 सड़कें
भारत-चीन सीमारेखा पर बीआरओ अब तक कुल 61 सड़कें बना चुका है. सेना के एक वरिष्‍ठ अधिकारी ने मीडिया को बाताया कि इस सड़क के पूरा होने से जवानों को एक जगह से दूसरे स्‍थान पर भेजने और सैन्‍य सामान और मदद भेजने में आसानी होगी. वहीं, बीआरओ का कहना है कि दुश्‍मन देश की किसी भी कार्रवाई से भारत की सैन्‍य तैयारियों को यह सड़क पहले से ज्यादा रफ्तार देगी. बीआरओ ने अब तक भारत-चीन बॉर्डर पर 3,346 किलोमीटर लंबी करीब सड़कों का निर्माण पूरा कर लिया है, जो रणनीतिक तौर पर काफी महत्‍वपूर्ण हैं. इनमें 2,400 किलोमीटर तक की सड़कें हर मौसम के अनुकूल हैं.

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