पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम इमरान खान के संयुक्त राष्ट्र में किए गए कश्मीर में 'खून-खराबे के वादे' को अमली जामा पहनाने के लिए नापाक जमीन पर आतंकवादी संगठन सिर पर कफन बांध चुके हैं. पाकिस्तान के हुक्मरान इन जेहादियों की लगातार सीमापार से घुसपैठ कराने की कोशिश कर रहा है. इसे नाकाम करने के लिए भारतीय सेना ने भी कमर कस ली है. इस कड़ी में भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों की जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ रोकने के लिए बीते दो महीनों में अधिसंख्य सैनिकों को तैनात किया है.
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सेना ने घुसपैठ के अधिकांश प्रयास विफल किए
उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह के मुताबिक 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का जब से केंद्र सरकार ने फैसला लिया है, तब से पाकिस्तानी सेना की ओर से संघर्ष विराम उल्लंघन के साथ-साथ घुसपैठ की कोशिशें लगभग हर दिन हो रही हैं. पाकिस्तान आतंकी तंत्र को फिर से जिंदा करने की पूरी कोशिश कर रहा है ताकि सीमा के इलाकों को अस्थिर किया जा सके. ऐसे में हम एलओसी पर घुसपैठ रोकने और उसका मजबूती से मुकाबला करने के लिए उत्तरी कमान के बाहर से अतिरिक्त सैनिकों को लाए हैं. हमने घुसपैठ के अधिकांश प्रयासों को विफल कर दिया है.
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अब तक सीजफायर की घटनाओं में तेजी
हालांकि, उत्तरी सेना के कमांडर ने ऑपरेशनल कारणों का हवाला देते हुए सैनिकों की पुन: तैनाती को लेकर ज्यादा कुछ बताने से इंकार कर दिया, मगर इस घटनाक्रम से परिचित दो अधिकारियों ने कहा कि एलओसी पर कुछ हजार की संख्या में सेना की तैनाती की गई है. गौरतलब है कि इस साल पाकिस्तान द्वारा सीमा उल्लंघन की संख्या में नाटकीय रूप से वृद्धि हुई है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस साल 10 अक्टूबर तक 2,317 उल्लंघन हुए हैं, जबकि पिछले साल यह संख्या 1,629 और 2017 में 860 थी. पाकिस्तानी सेना एलओसी पर संघर्ष विराम का उल्लंघन कर जम्मू-कश्मीर में घुसपैठियों की मदद करने के लिए करती है.
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500 से अधिक आतंकी घुसपैठ की फिराक में
सेना के एक शीर्ष अधिकारी ने 11 अक्टूबर को कहा था कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नियंत्रण रेखा के समीप विभिन्न प्रशिक्षण शिविरों में 500 से अधिक आतंकवादी जम्मू कश्मीर में घुसने की फिराक में बैठे हैं. उन्होंने यह भी बताया था कि 200 से 300 आतंकवादी पाकिस्तान के सहयोग से इस क्षेत्र को अशांत बनाये रखने के लिए जम्मू कश्मीर के अंदर सक्रिय हैं. सेना के शीर्ष कमांडर मौजूदा समय में उभर रही सुरक्षा एवं प्रशासनिक चुनौतियों और बल के भविष्य की रणनीति पर आज से मंथन शुरू करेंगे. सेना के कमांडरों का सम्मेलन 14 से 19 अक्टूबर के बीच नयी दिल्ली में आयोजित किया जाएगा. साल में दो बार अप्रैल और अक्टूबर में शीर्ष स्तर पर चर्चा के लिए सेना के कमांडरों की बैठक होती है. सम्मेलन की शुरुआत 14 अक्टूबर को सेना प्रमुख बिपिन रावत के संबोधन के साथ होगी.
HIGHLIGHTS
- घुसपैठ रोकने के लिए बीते दो महीनों में अधिसंख्य सैनिकों को तैनात किया गया.
- इस साल 10 अक्टूबर तक सीज फायर उल्लंघन की 2,317 घटनाएं सामने आईं.
- 500 से अधिक आतंकवादी जम्मू कश्मीर में घुसने की फिराक में.