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भारत के सामने अब नहीं चलेगी ड्रैगन की चालाकी, भारतीय सेना ने उठाया बड़ा कदम

पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी गतिरोध के बीच भारत ने सुरक्षा के लिहाज से बड़ा कदम उठाया है

Updated on: 24 Jul 2021, 07:23 PM

highlights

  • चीन के साथ जारी गतिरोध के बीच भारत ने सुरक्षा के लिहाज से बड़ा कदम उठाया है
  • भारतीय सेना के इस कदम के पीछे लद्दाख क्षेत्र में चीनी आक्रमण को रोकना है

नई दिल्ली:

पूर्वी लद्दाख ( Eastern Ladakh ) में चीन के साथ जारी गतिरोध ( India-China Standoff ) के बीच भारत ने सुरक्षा के लिहाज से बड़ा कदम उठाया है. भारतीय सेना ( Indian Army ) ने जम्मू-कश्मीर ( Jammu-Kashmir ) से अपनी आतंक विरोधी अभियान वाली यूनिट्स ट्रांसफर कर पूर्वी लद्दाख सेक्टर में तैनात कर दिया. भारतीय सेना के इस कदम के पीछे लद्दाख क्षेत्र में चीनी आक्रमण को रोकना है. जानकारी के अनुसार कई महीने पहले लद्दाख मोर्चे पर चीनी सेना को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए लगभग 15 हजार सैनिकों को जम्मू-कश्मीर से वहां पर शिफ्ट किया गया था. बताया जा रहा है कि ये जवान भविष्य में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ( PLA ) द्वारा उठाए गए किसी भी कदम से निपटने में लेह स्थित 14 कोर हेडक्वार्टर की मदद करेंगे. 

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आपको बता दें कि सैन्य कमांडर स्तर पर जारी बातचीत के सिलसिले के बावजूद भी चीन अपनी चालाकी से बाज नहीं आ रहा है. पिछले साल अप्रैल में चीन ने पूर्वी लद्दाख में अपने इरादे बयां कर दिए थे. हालांकि दोनों देशों के बीच चली लंबी बातचीत के बाद कुछ मोर्चों से जरूर सैनिकों की संख्या कम की गई थी, लेकिन अभी कुछ प्वाइंट्स पर चीन का आक्रामक रवैया जारी है. यही वजह है कि भारत को एक डिवीजन के स्थान पर अतिरिक्त बख्तरबंद  और दो पूर्ण डिवीजनों के आधार पर सैनिकों की संंख्या बढ़ानी पडऩी पड़ी है. 

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चीनी सीमा पर ड्रैगन के किसी भी नापाक  कदम से निपटने के लिए भारतीय सेना की 17 माउंटेन स्ट्राइक कोर का 10 हजार अतिरिक्त सैनिकों के तौर पर एक बड़ी ताकत मिली है. आपको बता दें कि 17 माउंटेन कोर वॉर की स्थिति में चीन के खिलाफ आक्रामक अभियान चलाने के लिए जानी जाती है. इस कोर को पॉवर डोज उस समय दी गई है, जब सीमा पर चीनी सेना के साथ तनातनी का माहौल बना हुआ है.  वहीं,  भारत और चीन जल्द ही चुशुल में कोर कमांडर स्तर की 12वें दौर की वार्ता करेंगे, ताकि पूर्वी लद्दाख में अगले चरण के समझौते को मूर्त रूप दिया जा सके. सूत्रों ने कहा कि चीन ने 26 जुलाई को सैन्य कमांडर स्तर की वार्ता के लिए अपनी उपलब्धता व्यक्त की थी, लेकिन भारत ने नई तारीखें मांगी हैं, क्योंकि भारतीय सेना कारगिल विजय दिवस के आयोजनों में व्यस्त है. भारतीय सैन्य प्रतिनिधि हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और 900 वर्ग किमी के देपसांग मैदान जैसे घर्षण क्षेत्रों में विघटन पर चर्चा करने के लिए मिलेंगे.