1971 युद्ध में भारतीय सेना का शौर्य, सिर्फ 14 दिनों में पाकिस्तान से जन्मा बांग्लादेश
केवल 14 दिनों की अवधि में युद्ध सफलतापूर्वक समाप्त हो गया और एक संप्रभु राष्ट्र बांग्लादेश का जन्म पाकिस्तान शासन से मुक्ति के साथ हुआ.
नई दिल्ली:
सीडीएस जनरल बिपिन रावत (CDS Gen Bipin Rawat) ने शुक्रवार को बेंगलुरु में कहा कि 1971 का भारत-पाक युद्ध वास्तव में एक ऐतिहासिक घटना थी जिसने दक्षिण एशियाई उपमहाद्वीप के भूगोल को बदल दिया ... केवल 14 दिनों की अवधि में युद्ध सफलतापूर्वक समाप्त हो गया और एक संप्रभु राष्ट्र बांग्लादेश का जन्म पाकिस्तान शासन से मुक्ति के साथ हुआ. सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने कहा कि विरोधियों से आगे रहने के लिए हमारा लक्ष्य भविष्य में नई तकनीकों जैसे कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, बिग डेटा एनलसिस, क्वांटम कंप्यूटिंग, हाइपरसोनिक हथियार प्रणाली, रोबोटिक्स, नैनो टेक्नोलॉजी, स्वायत्त मानव रहित प्रणालियों और डाइरेक्टेड इनर्जी वेपन जैसी प्रौद्योगिकियों को शामिल करने का होना चाहिए.
1971 Indo-Pak war was indeed a landmark event that altered geography of South Asian subcontinent...In the span of just 14 days the war was successfully concluded & a sovereign nation Bangladesh was born with its liberation from Pakistan rule: CDS General Bipin Rawat in Bengaluru pic.twitter.com/hCfTNs6Zcd
— ANI (@ANI) October 22, 2021
इससे पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष रावत ने बृहस्पतिवार को कहा था कि मौजूदा वक्त में सीमाओं और महासागरों पर नजर रखने में मददगार उन्नत निगरानी प्रणालियां खरीदना ही सशस्त्र बलों की सर्वोच्च प्राथमिकता है. उनका यह भी कहना था कि निगरानी क्षमताओं के बाद देश को अपनी साइबर क्षमताओं को बढ़ाने पर गौर करना चाहिए. उनसे पूछा गया था कि भारतीय सशस्त्र बलों की वह कौन सी जरूरतें हैं जिन पर निजी उद्योगों को ध्यान केंद्रित करना चाहिए.
Our future inductions must aim at introducing new disruptive technologies such as AI, big data analysis, quantum computing, hypersonic weapons, robotics, nanotechnology, autonomous unmanned system & directed energy weapons to remain ahead of our adversaries: CDS Gen Bipin Rawat pic.twitter.com/6spkjSOGbL
— ANI (@ANI) October 22, 2021
प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल रावत का मानना है कि भारतीय निजी उद्योग क्षेत्र को देश के सशस्त्र बलों की अभियान संबंधी क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में काम करना चाहिए. उन्होंने कहा था कि शांति और संघर्ष, सभी क्षेत्रों में आपरेशनों को अंजाम देने की क्षमता के लिए अंतरिक्ष और साइबर क्षेत्र मौजूदा वक्त में बेहद महत्वपूर्ण हो गए हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि भारतीय उद्योग युद्ध जीतने की क्षमताओं के लिए नई तकनीकों और प्रौद्योगिकियां मुहैया कराएंगे.
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