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जम्मू-कश्मीर: सेना ने कहा-लौट आएं स्थानीय आतंकी, हम अपनाने को तैयार

भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने रविवार को घाटी के स्थानीय आतंकियों से हथियार छोड़कर वापस आने की संयुक्त अपील की।

Updated on: 19 Nov 2017, 05:30 PM

highlights

  • भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने स्थानीय आतंकियों से हथियार छोड़कर वापस आने की संयुक्त अपील की
  • गौरतलब है कि राज्य पुलिस और सेना ने फुटबॉलर से आतंकी बने माजिद अरशिद के आत्मसमर्पण के बाद किया है

नई दिल्ली:

भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने रविवार को घाटी के स्थानीय आतंकियों से हथियार छोड़कर वापस आने की संयुक्त अपील की।

15 कॉर्प्स लेफ्टिनेंट जनरल जे एस संधु ने भी आतंकियों से मुख्यधारा में लौटने की अपील करते हुए कहा, 'आपके वापस आने से घाटी में शांति बहाल होगी और हम आपको सम्मानजक रूप से अपनाने के लिए तैयार हैं।'

संधु ने कहा, 'स्थानीय आतंकियों को यह बात समझनी होगी कि उनके लिए खुद को मुजाहिद कहना आसान है। लेकिन क्या आप मुजाहिद है या फिर पाकिस्तान के छद्म एजेंट?'

पुलिस और सेना की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए पुलिस महानिदेश एस पी वैद और संधू ने कहा कि सुरक्षा बलों ने घाटी में अभी तक करीब 190 से अधिक आतंकियों को मार गिराया है।

वैद ने भी राज्य की सभी माताओं से हथियार थाम चुके अपने बच्चों से आतंक का रास्ता छोड़कर वापस आने की अपील किए जाने की गुहार लगाई है।

उन्होंने कहा, 'मैं राज्य की सभी माताओं से कहना चाहता हूं क वह अपने बच्चों से हथियार छोड़कर वापस आने की अपील करें।'

गौरतलब है कि राज्य पुलिस और सेना ने फुटबॉलर से आतंकी बने माजिद अरशिद के आत्मसमर्पण के बाद किया है।

कुछ दिनों पहले ही फुटबॉलर से आतंकी बने माजिद अरशिद ने अपनी मां की अपील पर हथियार समेत पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था।

माजिद लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हो गया था। लेकिन मां की भावनात्मक अपील के बाद उसने कुछ दिनों के भीतर ही आतंक का साथ छोड़कर खुद को पुलिस को हवाले कर दिया था।

माजिद का आत्मसमर्पण जम्मू-कश्मीर में आतंक के खिलाफ जारी सेना और पुलिस की साझा मुहिम के लिए बड़ी कामयाबी माना जा रहा है।

ऐसे में माजिद के आत्मसमर्पण ने पाकिस्तानी आतंकी संगठनों के स्थानीय युवाओं को मुजाहिद बनाए जाने के पूरे कार्यक्रम को जबरदस्त झटका दिया है। सुरक्षा बलों के लिए राज्य के युवाओं को आतंक की गिरफ्त में जाने से रोकना सबसे बड़ी चुनौती रही है।

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वहीं इसने घाटी में आतंक फैलाने की साजिश में जुटे पाकिस्तानी आतंकी संगठनों को करारा झटका दिया है।

पिछले कुछ महीनों के दौरान घाटी में आतंक के खिलाफ सेना और पुलिस के अभियान में तेजी आई है और पिछले कई अहम ऑपरेशन में लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन और जैश-ए-मोहम्मद के शीर्ष कमांडरों को ढेर किया जा चुका है।

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