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भारतीय सेना ने अब चीन से लगी सीमा पर नयी रणनीति अपनाई

सेना की तैनाती, पुनः स्थितिकरण, आदेश, अधिकार और दुश्मन के खिलाफ त्वरित कार्रवाई के अंदाज बदल चुके हैं. वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत कहीं मजबूत स्थिति में आ चुका है.

Updated on: 04 Sep 2020, 12:44 PM

लद्दाख:

पूर्वी लद्दाख (Ladakh) में चीन की बढ़त को रोकते हुए भारतीय सेना (Indian Army) ने अब अपनी सामरिक स्थिति काफी मजबूत कर ली है. गौरतलब है कि चीनी कमांडरों के साथ पिछले चार दिनों के बैठक में कोई निष्कर्ष नहीं निकला और शुक्रवार को 5 वे राउंड की बैठक चल रही है. चीन भारत पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर एकतरफा बदलाव का आरोप मढ़ रहा है. साथ ही अपनी नियंत्रण रेखा में घुसपैठ (Intrusion) का आरोप लगा रहा है, लेकिन भारत ने चीन के सभी आरोपों को खारिज करते हुए साफ कर दिया है कि भारतीय सेना अपने इलाके में है. इसके साथ ही भारतीय सेना ने चीन (China) की तरफ से 28 और 29 अगस्त की रात को घुसपैठ के सभी प्रयासों को निष्फल करते हुए अपनी मोर्चेबंदी को मजबूत कर चुकी है. यह भारतीय सेना की प्रखर मोर्चाबंदी का ही नतीजा है कि 31 अगस्त को चीन की सेना जब भारतीय सेना पकड़ को कमजोर करने के लिए आगे बढ़ी तो उसे फिर से मुंह की खानी पड़ी.

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नियंत्रण और कमांड में बदलाव

  • चीन के साथ सभी समझौते का सम्मान करते हुए पेट्रोलिंग के दौरान भारतीय सेना लोडेड आर्म्स का इस्तेमाल नहीं करती थी, लेकिन चीन की धोखेबाजी के बाद अब भारतीय सेना लोडेड आर्म्स के साथ मुस्तैद है.
  • पेट्रोलिंग एरिया में भारतीय सेना मोर्चेबंदी नहीं करती थी, लेकिन अब सम्पूर्ण तैयारी के साथ मोर्चेबंदी कर चुकी है.
  • ब्लैक टॉप, हेलमेट टॉप, रिजग-ला ,रेचिग-ला जैसे इलाके जो पैगोंग सो के दक्षिणी हिस्से में चुशूल सेक्टर के अंदर आते हैं, वहां पहाड़ियों की चोटी पर पहले भारतीय सेना की मोर्चाबंदी नहीं थी. हालांकि अब चीन की साजिशों और घुसपैठ की कोशिशों को देखते हुए यहां भी भारतीय सेना की मजबूत पकड़ है. यहां से भारतीय सेना के गन प्वाइंट पर चीनी नियंत्रण रेखा में आने वाले स्पांगुर लेक, स्पांगुर गैप और उससे लगी चीन की सामरिक सड़क आ गई है.
  • पैंगोंग सो के उत्तरी इलाके में भी भारतीय सेना ने अपनी स्थिति मजबूत कर ली है. यह वही इलाका है जिसमे फिंगर-4 से फिंगर-8 तक के पैट्रोलिंग एरिया में चीन ने घुसपैठ की है. पिछले 5 महीनों से यह इलाका भारत-चीन तनाव का सबसे बड़ा केंद्र बना हुआ है. इस इलाके में भारतीय सेना की नई मोर्चेबंदी, पहाड़ियों पर संगीनों के साथ निगहबानी ने रणक्षेत्र का सामरिक समीकरण बदल दिया है.
  • सबसे अहम नये बदलावों के तहत अब एलएसी पर कमांडर को समुचित अधिकार है कि वह हालात को देखते हुए सीधे फायर करने के आदेश दे सकता है.