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IAF 2025 तक मिग-21 बाइसन विमान को करेगी बाहर, सुखोई-30 लेंगे इनकी जगह 

भारतीय वायुसेना में काफी लंबे समय से मिग-21 अपनी सेवाएं दे रहा है. इसे लेकर अब आईएएफ ने 2025 तक मिग-21 बाइसन विमान के सभी स्क्वाड्रन को रिटायर करने की योजना बनाई है.

Updated on: 30 Jul 2022, 02:43 PM

highlights

  • 30 सितंबर तक मिग-21 बाइसन विमान का एक और दस्ता रिटायर होगा
  • 2025 तक मिग-21 बाइसन विमान के सभी स्क्वाड्रन रिटायर होंगे

नई दिल्ली:

भारतीय वायुसेना में काफी लंबे समय से मिग-21 (Mig-21) विमान अपनी सेवाएं दे रहा है. इसे लेकर अब आईएएफ(IAF) ने 2025 तक मिग-21 बाइसन विमान के सभी स्क्वाड्रन को रिटायर करने की योजना बनाई है. एयरफोर्स इनकी जगह पर हल्के और स्वदेशी विमान को लाने की तैयारी कर रहा है. हालांकि बालाकोट एयर स्ट्राइक  के बाद पाकिस्तान के जवाबी हमले को इस विमान ने विफल कर दिया था. कैप्टन अभिनंदन ने इसी विमान के बल पर अमरीका के एफ-16 लड़ाकू विमान को मार गिराया था. मगर विमान से लगातार हो रहे हादसों के कारण इसे रिटायर करने की तैयारी हो रही है. गौरतलब है कि बीते गुरुवार को बाड़मेर में MiG-21 बायसन एयर क्राफ्ट हादसे का शिकार हो गया था. इस हादसे में दो जवान शहीद हो गए. इस हादसे के बाद एयरफोर्स ने इनकी जगह पर  सुखोई-30 (Su-30) जैसे अधिक सक्षम लड़ाकू विमानों लाने की तैयारी की है. 

दस्ते से बाहर होंगे विमान

भारतीय वायु सेना 30 सितंबर तक मिग-21 बाइसन (MiG-21 Bison) विमान के एक और दस्ते (Squadron) को रिटायर करने वाली है. 2025 तक इसके शेष बेड़े को खत्म कर दिया जाएगा. इसकी वजह है कि सोवियत युग के लड़ाकू विमान भयानक दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं. ऐसे में एयरफोर्स इन विमानों को बाहर निकालने की तैयारी में है. सैन्य प्राधिकरण को एलसीए तेजस (LCA Tejas) विमानों को अपने बेड़े में शामिल करने की तैयारी कर रहा है. 

30 सिंतबर को बाहर होगा बेड़ा 

गौरतलब है कि 28 जुलाई को राजस्थान में मिग-21 टाइप 69 ट्रेनर विमान दुर्घटना का शिकार हो गया. इस हादसे में विंग कमांडर एम राणा (M Rana) और फ्लाइट लेफ्टिनेंट अद्वितिया बल (Advitiya Bal) की मृत्यु हो गई. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, "श्रीनगर एयरबेस से बाहर मौजूद 51 स्क्वाड्रन (51 Squadron) को 30 सितंबर को खत्म किया जा रहा है. तब विमानों के मात्र तीन दस्ते ही रह जाएंगे. इसे वर्ष 2025 तक चरणबद्ध तरह से बाहर कर दिया जाएगा. 

बहुत पहले ही बाहर होने थे मिग-21

बीते 20 माह में छह मिग-21 विमान हादसों का शिकार हो चुके हैं. इनमें पांच पायलटों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है. मिग-21 को बहुत पहले ही बंद कर दिया जाना था. मगर एलसीए तेजस विमान को शामिल करने देरी हुई. भारतीय वायुसेना ने इन विमानों की उड़ान जारी रखने पर मजबूर था.