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भारतीय वायुसेना में 4 मल्टी मिशन चिनूक हेलीकॉप्टर शामिल, धनोआ ने कहा- गेम चेंजर साबित होगा

भारतीय वायुसेना ने 10,000 किलोग्राम की क्षमता वाले 4 चिनूक हेलीकॉप्टर को अपने बेड़े में शामिल कर लिया है.

Updated on: 25 Mar 2019, 11:42 AM

चंडीगढ़:

भारतीय वायुसेना ने 10,000 किलोग्राम की क्षमता वाले 4 चिनूक हेलीकॉप्टर को अपने बेड़े में शामिल कर लिया है. चिनूक एक उन्नत मल्टी-मिशन हेलीकॉप्टर है, जो भारतीय वायुसेना को लड़ाकू और मानवीय मिशनों के पूरे स्पेक्ट्रम में बेजोड़ सामरिक एयरलिफ्ट क्षमता प्रदान करेगा. भारी समानों को ढोने वाला यह हेलीकॉप्टर एक समय में हथियारों और गोला-बारूद के साथ करीब 300 सैनिकों को ले जा सकता है.

मल्टी मिशन वाले चिनूक हेलीकॉप्टर को शामिल किए जाने के बाद चंडीगढ़ स्थित भारतीय वायुसेना स्टेशन में एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने कहा कि, 'देश बहुस्तरीय सुरक्षा चुनौतियों का सामना करता है, हमें विविध भूभाग में वर्टिकल लिफ्ट क्षमता वाली हेलीकॉप्टर की जरूरत थी. चिनूक को विशेष रूप से भारतीय जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है, यह एक राष्ट्रीय संपत्ति है.'

पिछले महीने 10 फरवरी को पहली 4 सीएच-47एफ (आई) मल्टी-मिशन हेलीकॉप्टर गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह पहुंची थी. एयरोस्पेस कंपनी बोइंग से भारत 15 चिनूक हेलीकॉप्टरों के अलावा 22 एएच-64ई अपाचे हेलीकॉप्टरों को खरीद रहा है.

धनोआ ने कहा, 'चिनूक हेलीकॉप्टर न सिर्फ दिन में बल्कि रात में भी सैन्य ऑपरेशन कर सकती है. दूसरी यूनिट पूरब के लिए दिनजान (असम) में तैयार किया जाएगा. चिनूक को शामिल किया जाना गेम चेंजर होगा जैसे राफेल लड़ाकू बेड़े में होने जा रहा है.'

चारों चिनूक हेलीकॉप्टरों को बेड़े में शामिल करने के लिए चंडीगढ़ वायु सेना बेस में कई दिनों से तैयारियां चल रही थी. इनमें चिनूक हेलीकॉप्टरों के लिए रीफर्बिश्ड हैंगर्स और रख-रखाव सुविधाएं भी शामिल हैं. चंडीगढ़ एक सैन्य हवाईअड्डा है जहां से व्यावसायिक उड़ानें भी संचालित होती हैं.

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भारत ने सितंबर 2015 में विमान निर्माता कंपनी बोइंग से 22 'एएच-64ई' अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर और 15 'सीएच-47एफ' चिनूक हेलीकॉप्टर खरीदने के सौदे को अंतिम रूप दिया था. दोनों मॉडल इन हेलीकॉप्टरों के नवीनतम हैं.

भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर के पायलटों को पिछले साल अक्टूबर में अमेरिका के डेलावर में चिनूक हेलीकॉप्टरों को उड़ाने का प्रशिक्षण लेने के लिए भेजा गया था.