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भारत में 1995 के बाद से पड़ेगा पहला दिवाली आंशिक सूर्य ग्रहण

महाराष्ट्र और भारत के बाकी हिस्सों में, पूर्वोत्तर राज्यों को छोड़कर, 1995 के बाद से लोग पहला दिवाली आंशिक सूर्य ग्रहण का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. एक शीर्ष खगोलशास्त्री ने मंगलवार को कहा. मुंबई में ग्रहण शाम 4.39 बजे से शुरू होगा और शाम 6.08 बजे तक रहेगा, राज्य के विभिन्न हिस्सों और देश के बाकी हिस्सों में समय अलग-अलग होगा, क्योंकि चंद्रमा की छाया सूर्य के चारों ओर फैली हुई है. आकाश गंगा सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी के निदेशक प्रख्यात खगोलशास्त्री प्रो. भरत अदुर ने आईएएनएस को बताया, परंपरा को मानने वाले भारतीयों के लिए यह 27 साल के बाद पहला दिवाली सीजन आंशिक सूर्य ग्रहण है और यह एक दुर्लभ सूर्य ग्रहण होगा, जो आज शाम को है.

Updated on: 25 Oct 2022, 04:29 PM

नई दिल्ली:

महाराष्ट्र और भारत के बाकी हिस्सों में, पूर्वोत्तर राज्यों को छोड़कर, 1995 के बाद से लोग पहला दिवाली आंशिक सूर्य ग्रहण का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. एक शीर्ष खगोलशास्त्री ने मंगलवार को कहा. मुंबई में ग्रहण शाम 4.39 बजे से शुरू होगा और शाम 6.08 बजे तक रहेगा, राज्य के विभिन्न हिस्सों और देश के बाकी हिस्सों में समय अलग-अलग होगा, क्योंकि चंद्रमा की छाया सूर्य के चारों ओर फैली हुई है. आकाश गंगा सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी के निदेशक प्रख्यात खगोलशास्त्री प्रो. भरत अदुर ने आईएएनएस को बताया, परंपरा को मानने वाले भारतीयों के लिए यह 27 साल के बाद पहला दिवाली सीजन आंशिक सूर्य ग्रहण है और यह एक दुर्लभ सूर्य ग्रहण होगा, जो आज शाम को है.

एजीसीए प्रमुख ने कहा कि भारत में ऐसा सूर्य ग्रहण अब अगले 10 वर्षों के बाद यानी 2032 में होगा. लोगों को इस ग्रहण को सुरक्षित रूप से देखने के लिए एक प्वाइंट बनाना चाहिए. प्रोफेसर अदुर ने कहा कि एक और पूर्ण सूर्य ग्रहण 2024 में अमेरिका में होगा और एजीसीए की एक टीम इसका विस्तार से अध्ययन करने के लिए वहां जाएगी. मंगलवार का शानदार स्काई शो, जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच स्थित होगा.

सूर्य ग्रहण की सबसे लंबी अवधि जम्मू और कश्मीर में दो घंटे और छह मिनट की होगी, जिसमें 55.75 प्रतिशत कवरेज होगा. इसके बाद लद्दाख में लगभग 55 प्रतिशत कवरेज होगा, साथ ही राजस्थान और गुजरात में भी. प्रोफेसर अदुर के अनुसार, ग्रहण की अवधि तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल में सबसे कम और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में कुछ ही मिनटों की होगी.

भोपाल स्थित खगोलशास्त्री आलोक मंडावगने ने एएसआई-पीओईसी के सहयोग से एक ऐप सोलर एक्लिप्स आलोक तैयार किया है, जो भारत के विभिन्न शहरों, राज्यों के लिए आज की खगोलीय घटना का पूरा विवरण प्रदान करता है.

मांडवगने ने कहा कि सरकार और निजी क्षेत्र द्वारा संचालित कई वैज्ञानिक और खगोलीय संगठन विभिन्न सोशल मीडिया पर ग्रहण को लाइव-स्ट्रीम करने जा रहे हैं, ताकि लोग इसे बिना किसी जोखिम के ट्रैक कर सकें. एक अधिकारी ने बताया कि मुंबई के नेहरू विज्ञान केंद्र ने भी लोगों के लिए अपने परिसर या फेसबुक पेज पर ग्रहण देखने की व्यवस्था की है.

महाराष्ट्र में मानसून खत्म होने के बाद आंशिक सूर्य ग्रहण पालघर, ठाणे, नासिक, पुणे, मुंबई और अन्य जिलों में सबसे अच्छा दिखाई देगा.

प्रोफेसर अदुर, मांडवगने और अन्य विशेषज्ञों ने लोगों, विशेषकर बच्चों से आंशिक सूर्य ग्रहण को सीधे न देखने की अपील की है क्योंकि इससे अस्थायी या स्थायी द0ष्टि संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. भारत और महाराष्ट्र के कई प्रमुख मंदिरों के कपाट आंशिक सूर्य ग्रहण के चलते बंद हो गए हैं. लोग इस दिन की घटना से जुड़े कुछ धार्मिक अनुष्ठानों में शामिल होंगे.