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पाकिस्तान को कारोबार के क्षेत्र में झटका देने की तैयारी, NFN दर्जा छीन सकती है केंद्र सरकार

गुरुवार को पाकिस्तान को दिए MFN यानि की मोस्ट फेवर्ड नेशन पर रिव्यू करने के लिए एक अहम बैठक

Updated on: 27 Sep 2016, 05:29 PM

नई दिल्ली:

जम्मू कश्मीर के उरी में आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को हर मोर्च पर घेरने के क्रम में केंद्र सरकार अब पाकिस्तान से अपने कारोबारी रिश्तों को भी तोड़ सकती है ताकि पाकिस्तान को अर्थव्यवस्था के मोर्च पर भी भारत सरकार चोट दे सके।

पीएम मोदी ने गुरुवार को पाकिस्तान को दिए MFN यानि की मोस्ट फेवर्ड नेशन पर रिव्यू करने के लिए एक अहम बैठक बुलाई है जिसमें मोदी सरकार पाकिस्तान से ये दर्जा छीन सकती है।

गौरतलब है कि साल 1996 में वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन के अंतर्गत भारत ने कारोबार को आसान बनाने के लिए पाकिस्तान को MFN का दर्जा दिया था जिसमें भारत और पाकिस्तान दोनों के बीच कारोबारी समझौते हुए थे।

एसोचैम के मुताबिक भारत ने साल 2015-16 में कुल 641 बिलियन डॉलर का कारोबार किया था जबकि पाकिस्तान ने महज 2.67 बिलियन का व्यापार किया है।भारत पाकिस्तान को करीब 2.17 बिलियन डॉलर का सामान निर्यात करता है जोकि भारत के कुल निर्यात का 0.83 प्रतिशत है जबकि भारत अपने पड़ोसियों से 500 बिलियन डॉलर से ज्यादा का सामान आयात करता है जोकि भारत के कुल आयात का 0.13 प्रतिशत है।

इससे पहले पीएम मोदी ने सिंधु जल समझौते पर भी एक अहम बैठक बुलाई थी जिसमें सरकार के सामने ये प्रस्ताव रखा गया था अगर भारत अपने हिस्से के पानी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करे तो भी पाकिस्तान को सबक सिखाया जा सकता है