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COVID-19: भारत के पास होगी दुनिया की पहली DNA वैक्सीन, जायकोव-डी के तीसरे फेज का ट्रायल जारी

Coronavirus DNA Vaccine Zydus Cadila: जायडस कैडिला ने एक जुलाई को कहा था कि उसने अपनी वैक्सीन जायकोव-डी के आपातकालीन उपयोग के लिए डीसीजीआई से मंजूरी मांगी है.

Updated on: 21 Jul 2021, 06:48 AM

highlights

  • वैक्सीन की लोगों को दी जाएंगी तीन खुराकें
  • 2 से 4 डिग्री पर स्टोर किया जा सकता है
  • 12 से 18 साल के किरोशों पर भी हुआ ट्रायल

नई दिल्ली:

कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में भारत को एक और वैक्सीन मिलने जा रही है. इस वैक्सीन से मिलने से कोरोना पर काबू पाने में भारत को काफी मदद मिलेगी. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को राज्यसभा में बताया कि जायडस कैडिला कंपनी की कोविड-19 वैक्सीन जायकोव-डी के तीसरे चरण का क्लीनिकल परीक्षण जारी है. उन्होंने बताया कि एक प्लास्मिड डीएनए वैक्सीन है. मंडाविया ने सदन को बताया कि अगर वैक्सीन सभी परीक्षणों में  पास हो जाती है और इसे देश में इस्तेमाल की मंजूरी मिलती है, तो यह कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए दुनिया का पहला डीएनए आधारित टीका और देश में उपलब्ध चौथा टीका होगा.

मंडाविया ने संसद में जानकारी दी कि टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने के लिए कंपनियां भारत में अपना प्रोडक्शन बढ़ा रही हैं. उन्होंने राज्यसभा में 'देश में कोरोना महामारी का प्रबंधन, टीकाकरण का कार्यान्वयन और संभावित तीसरी लहर को देखते हुए नीति और चुनौतियां' विषय पर हुई अल्पकालिक चर्चा के दौरान बताया कि कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड के डीएनए आधारित वैक्सीन के तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल चल रहा है.

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तीन खुराक दी जाएंगी

जानकारी के मुताबिक डीएनए-प्लाज्मिड आधारित ‘जायकोव-डी’ टीके की लोगों को तीन खुराकें दी जाएंगी. इसकी खास बात यह है कि इस वैक्सीन को दो से चार डिग्री सेल्सियस तापमान पर रखा जा सकता है. साथ ही कोल्ड चेन की जरूरत नहीं होगी. इससे देश के किसी भी हिस्से में इसकी खेप आसानी से पहुंचाई जा सकेगी. जैव प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत आने वाले उपक्रम जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बीआईआरएसी) के तहत नेशनल बायोफार्मा मिशन (एनबीएम) द्वारा टीके को सहयोग मिला है.

तीसरे चरण के परीक्षण के आंकड़ों का विश्लेषण करीब-करीब तैयार है और कंपनी ने सरकार को सूचित किया है कि वह अगले सप्ताह अपने कोविड-रोधी टीके के आपात इस्तेमाल लाइसेंस के लिए भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) के पास आवेदन कर सकती है. वयस्कों के साथ 12 से 18 साल के उम्र समूह के किशोरों पर भी इस टीके का परीक्षण किया गया है.

जायडस कैडिला ने बीते एक जुलाई को कहा था कि उसने अपनी कोविड-19 वैक्सीन जायकोव-डी के आपातकालीन उपयोग के लिए केंद्रीय औषधि नियामक से मंजूरी मांगी है. कंपनी ने कहा था कि उसने भारत में अब तक 50 से अधिक केंद्रों में अपने कोविड-19 वैक्सीन के लिए क्लीनिकल परीक्षण किया है.

(इनपुट आईएएनएस)