बिहार : आयुष्मान कार्ड लाभार्थियों के लिए बना वरदान, गया में हो रहा नेत्र रोगों का उपचार
ब्रिटेन की यात्रा कर चीन-अमेरिका आर्थिक एवं व्यापारिक सलाह-मशविरा तंत्र की पहली बैठक करेंगे चीनी उपप्रधान मंत्री ह लीफंग
Corona Cases: भारत में कोरोना के मामलों ने बढ़ाई चिंता, अब तक छह हजार से अधिक मामले, इस प्रदेश में छाया संकट
'मेरे पिता ने मुझसे बात नहीं की', पंजाब किंग्स के खिलाड़ी का चौंकाने वाला खुलासा, फाइनल मैच को लेकर कही ये बात
तेलंगाना : सीएम रेवंत रेड्डी ने किया मंत्रिमंडल विस्तार, तीन मंत्रियों ने ली शपथ
मां की पुण्यतिथि पर भावुक हुईं सेलिना जेटली, कहा- मुझे आपकी डांट तक याद आती है
निफ्टी और बैंक निफ्टी के टेक्निकल चार्ट से मिल रहे तेजी के संकेत : रिपोर्ट
आतिशी ने दिल्ली की कानून व्यवस्था के मुद्दे पर दिल्ली सरकार को घेरा
चीन-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन : बहुपक्षीय कूटनीति से विश्व शांति को मजबूती

हिमालय की चोटियों से चीन को आंख दिखाएगा भारत, अरुणाचल में करने जा रहा बड़ा युद्धाभ्‍यास

भारतीय सेना चीन से लगी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) से लगभग 100 किमी की दूर और 14 हजार फीट की ऊंचाई पर अब तक का सबसे सुनियोजित युद्धभ्यास शुरू करने जा रही है, जिसे हिमविजय नाम दिया गया है.

author-image
Sunil Mishra
New Update
हिमालय की चोटियों से चीन को आंख दिखाएगा भारत, अरुणाचल में करने जा रहा बड़ा युद्धाभ्‍यास

भारत चीन सीमा( Photo Credit : File Photo)

भारतीय सेना चीन से लगी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) से लगभग 100 किमी की दूर और 14 हजार फीट की ऊंचाई पर अब तक का सबसे सुनियोजित युद्धभ्यास शुरू करने जा रही है, जिसे हिमविजय नाम दिया गया है. युद्धाभ्‍यास 24 अक्टूबर तक चलेगा. न्यूज़ नेशन को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इसके दो महत्वपूर्ण फेज होंगे, जिसमे एक 7 से 10 अक्टूबर और दूसरा 20 से 24 अक्टूबर तक चलेगा. युद्धभ्यास में भौगोलिक चुनौतियों से पार पाते हुए सेना जल्द से जल्द कैसे एक से दूसरी जगह पहुंचें, बेहतर कम्युनिकेशन हो और कोऑर्डिनेशन कैसे बहेतर बनाया जाए. इन सब पर खास जोर दिया जाएगा.

Advertisment

यह भी पढ़ें : Alert : दिल्‍ली के बाद अब यहां से आई जैश-ए-मोहम्‍मद के आतंकियों के घुसने की खबर

युद्धभ्यास में 3 बैटल ग्रुप 4-4 हजार की सैन्य क्षमता से लैश होंगे. सैन्य जमावड़ा, हवाई युद्ध और पहाड़ों पर युद्ध कौशल को यह अंजाम तक पहुंचाएंगे. इसके लिए लिए आर्मी और एयर फोर्स के हेलीकॉप्टर 15 हजार फीट की ऊंचाई पर सैन्य जमावड़े के साथ-साथ उन्हें सैन्य साजो-सामान पहुंचाने में मदद करेंगे.

सूत्रों के मुताबिक, यह नए बनाए गए इंटिग्रेटेड बैटल ग्रुप यानी आईबीजी का पहला परीक्षण है. अब तक आर्मी की एक कोर के अंदर डिविजन और फिर डिविजन के अंडर ब्रिगेड आती हैं, लेकिन आईबीजी में कोर से सीधे 8 से 10 ब्रिगेड को निर्देश मिल सकेगा. यानी ऑपरेशन हो या युद्ध कमांड में कोई बाधा या बीच का लेयर नहीं होगा.

यह भी पढ़ें : Tejas Express : आज से चलेगी देश की पहली प्राइवेट ट्रेन तेजस, जानें इसकी खासियत

युद्ध अभ्यास में देखा जा रहा है कि मल्टीपल लेयर को समाप्त कर सिस्टम कितनी सफलता से काम कर सकता है. इस युद्धभ्यास में तीन बैटल ग्रुप हिस्सा ले रहे हैं, जिसमें माउंटेन असॉल्ट, मोबलाइजेशन और एयर असॉल्ट शामिल हैं. साथ ही स्पेशल फोर्स पैराट्रूपर्स भी इसका हिस्सा होंगे.

शी जिंगपिंग की यात्रा के बावजूद और यात्रा के दौरान भी सेना का अरुणाचल में युद्धाभ्यास जारी रहेगा. जाहिर है न्यू इंडिया अरुणाचल से चीन को साफ संदेश देगा कि इसकी सुरक्षा व्यवस्था से किसी भी तरह का समझौता नही होने वाला. दिलचस्प बात ये है कि यह युद्धाभ्यास अक्टूबर के उसी महीने में हो रहा है, जिस महीने में चीन ने 1962 में अरुणाचल पर धावा बोला था.

यह भी पढ़ें : पाकिस्‍तानी सेना आज कश्‍मीर को लेकर उठाएगी यह बड़ा कदम, भारतीय सेना जवाब देने को तैयार

न्यूज़ नेशन को मिली जानकारी के अनुसार, पहले इस एक्सरसाइज को निचले इलाकों में करने की प्लानिंग थी, लेकिन फिर यह देखा गया कि आईबीजी को जब युद्ध की स्थिति में 15 हजार से ऊंची चोटियों पर लड़ना होगा तो फिर इस युद्धाभ्यास को धरातल पर करने का क्या फायदा! परिस्थितियों में युद्ध की नई रणनीति का परीक्षण होना चाहिए. इसके बाद अभ्यास के लिए अरुणाचल के चुनौती भरे हिमालय के गगनचुम्बी चोटियों को चुना गया.

Source : मधुरेन्द्र कुमार

Arunachal Pradesh INDIA LAC Himalay china
      
Advertisment