कृषि कानून के विरोध में आज भारत बंद, लेकिन जारी रहेंगी ये सेवाएं
संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार, शुक्रवार को सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक देशभर में राष्ट्रीय राजमार्ग समेत सभी सड़कें और रेलमार्ग समेत तमाम बाजारों और अन्य सार्वजनिक स्थानों को बंद रखा जाएगा.
highlights
- शुक्रवार को भारत बंद होगा किताना असरदार
- आंदोलन को मिलेगी और ताकत : संयुक्त किसान मोर्चा
- जारी रहेंगी सामान्य व्यापारिक गतिविधियां
नई दिल्ली :
कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन कानूनों के विरोध में देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसानों के धरना-प्रदर्शन के चार महीने पूरे होने पर शुक्रवार को भारत बंद का ऐलान किया गया है. संयुक्त किसान मोर्चा के नेता डॉ. दर्शनपाल ने कहा कि शुक्रवार को 'पूर्ण भारत बंद' असरदार होगा और इससे आंदोलन को और ताकत मिलेगी. तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने और किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे किसानों की अगुवाई करने वाले करीब 40 यूनियनों का संघ संयुक्त किसान मोर्चा ने देशवासियों से 26 मार्च को पूर्ण भारत बंद को सफल बनाने की अपील की है.
संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार, शुक्रवार को सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक देशभर में राष्ट्रीय राजमार्ग समेत सभी सड़कें और रेलमार्ग समेत तमाम बाजारों और अन्य सार्वजनिक स्थानों को बंद रखा जाएगा. मोर्चा ने हालांकि उन स्थानों को पूर्ण भारत बंद से मुक्त रखा है, जहां चुनाव चुनाव होने जा रहा है. देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है और 27 मार्च को असम और पश्चिम बंगाल में पहले चरण का मतदान होने जा रहा है.
सामान्य व्यापारिक गतिविधियां जारी रहेंगी
सुबह 6 से शाम 6 बजे तक पूर्ण भारत बंद के दौरान सभी दुकानें, मॉल, बाजार और संस्थान बंद रहेंगे. हालांकि इसपर कैट ने कहा है कि, दिल्ली और देश भर में सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान कल खुले रहेंगे और सामान्य व्यापारिक गतिविधियां जारी रहेंगी. सयुंक्त किसान मोर्चा के अनुसार इस आह्वान पर देश के तमाम किसान संगठनों, मजदूर संगठनों, छात्र संगठनों, बार संघ, राजनीतिक दलों और राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों ने इस बंद का समर्थन किया है.
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि, व्यापारियों और लोगों के अन्य वर्गों ने कुछ किसान संगठनों के भारत बंद के आह्वान के बारे में सवाल किए हैं। यह हमारे संज्ञान में आया है कि कैट का नाम इस बंद के प्रायोजन में शामिल किया गया है जो कि गलत है और जिससे भ्रम पैदा किया जा रहा है. देश के 40 हजार व्यापार संगठनों की ओर से, कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) यह स्पष्ट करता है कि दिल्ली और देश भर में सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान कल खुले रहेंगे और सामान्य व्यापारिक गतिविधियां जारी रहेंगी.
संयुक्त किसान मोर्चा ने भारत बंद की अपील के दौरान अपनी पांच मांगें रखी हैं.
ये मांगें हैं :
- तीन कृषि कानूनों को रद्द करो
- एमएसपी व खरीद पर कानून बने
- किसानों पर किए सभी पुलिस केस रद्द करो
- बिजली बिल और प्रदूषण बिल वापस करो
- डीजल, पेट्रोल और गैस की कीमतें कम करो
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