विभाजन की त्रासदी एक दुखद घटना, दिलों में आज भी उठती है टीस- पीएम मोदी
अब 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाएगा. इसकी घोषणा पीएम मोदी ने आज यानि शुक्रवार को लाल किले की प्राचीर से ध्वजारोहण के बाद की. हालांकि आधिकारिक रूप से इसका ऐलान कल यानि बृहस्पतिवार को ही कर दी गई थी.
highlights
- 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका दिवस के रूप में मनाया जाएगा
- पीएम ने लाल किले की प्राचीर से की घोषणा
- आधिकारिक रूप से कल ही हुआ था ऐलान
नई दिल्ली:
अब 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाएगा. इसकी घोषणा पीएम मोदी ने आज यानि शुक्रवार को लाल किले की प्राचीर से ध्वजारोहण के बाद की. हालांकि आधिकारिक रूप से इसका ऐलान कल यानि बृहस्पतिवार को ही कर दिया गया था. पीएम ने कहा कि विभाजन के दौरान वे बेबस, लाचार और बेसहारा लोग, जिन्हें मरने के बाद दफन होने के लिए जगह तक नहीं मिल पाई. उन लोगों को याद करते हुए अब 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाएगा. यही उनके लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी.
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लाल किले की प्रचीर से पीएम ने की घोषणा
पीएम मोदी ने 15 अगस्त के शुभ अवसर पर लाल किले के प्राचीर से इसकी घोषणा की अब से देश विभाजन के दौरान साम्प्रदायिक लड़ाइयों में मारे गए लोगों को 14 अगस्त को याद करेगा. इस दिन अब विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाएगा. उनके आंसुओं और बलिदान को याद रखा जाएगा. आंसुओं से लिखी गई इस घटना को अब देश भर में याद किया जाएगा. 14 अगस्त का दिन हमेशा लोगों को उनकी याद दिलाता रहेगा.
आजादी के बाद हुआ था देश, परिवार और रिश्तों का बंटवारा
जैसे ही भारत को आजादी मिली, देश में हिंदू और मुस्लिम सम्प्रदायों के बीच संप्रदायिक जंग शुरू हो गई. इस जंग में लाखों निर्दोष लोगों की जानें गई. कई महिलाओं के साथ रेप जैसे कुकृत्य भी हुए और पूरे देश में सांप्रदायिकता की बू पूरी तरह से फैल गई. अब इस नफरत और बुराई को खत्म करने का कोई रास्ता नहीं बचा. तो आखिर में भारत और पाकिस्तान के बंटवारे का प्रस्ताव ही आखिरी विकल्प दिखा. इस तरह 14 अगस्त, 1947 को पाकिस्तान और 15 अगस्त, 1947 को भारत दोनों अलग-अलग देश बन गए. लेकिन उस दिन केवल देश का बंटवारा ही नहीं हुआ, बल्कि इसके साथ-साथ परिवारों, रिश्तों और दिलों का भी बंटवारा हो गया. इस बंटवारे ने कई परिवारों को तबाह कर दिया. इस दौरान ये लोग अपना घर-परिवार सब कुछ छोड़कर केवल अपनी जान बचाने के लिए भागे, लेकिन वो भी बच नहीं पाई.
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